बताया जाता है कि अमेरिका ने पिछले साल भी ऐसा ही प्रस्ताव रखा था, लेकिन 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकी हमले में मारे गए 3000 लोगों के परिजनों का कहना था कि आरोपियों को मौत की सजा होनी चाहिए। आतंकी को कई वर्ष क्यूबा के ग्वांतानामो बे सैन्य अड्डे पर कैद रखा गया था।
ओसामा बिन लादेन का था भरोसेमंद
अमरीकी मीडिया की रिपोट्र्स के मुताबिक खालिद शेख मोहम्मद, वालिद बिन अताश और मुस्तफा अल-हवसावी ने आजीवन कारावास की सजा के बदले साजिश का दोष स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की है। मार्च 2003 में पाकिस्तान में पकड़े जाने से पहले खालिद शेख मोहम्मद को अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का सबसे भरोसेमंद व्यक्ति माना जाता था। गिरफ्तारी के बाद उसे तीन साल तक सीआइए ने जेल में रखा था। इसके बाद 2006 में ग्वांतानामो सैन्य अड्डे भेज दिया था।
अमेरिकी पत्रकार का काटा था सिर
खालिद शेख ने बताया कि वह 9/11 के हमलों का मास्टरमाइंड था। वह अमरीका के खिलाफ कई साजिशों में भी शामिल था। खास बात है कि शेख ने अमरीका एक यूनिवर्सिटी में ही पढ़ाई की थी। ट्विन टावर को गिराने की योजना बनाने के अलावा खालिद शेख ने दावा किया कि उसने 2002 में अमरीकी पत्रकार डेनियल पर्ल का सिर काट दिया था। उसने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में भी बमबारी में की थी, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई थी।