अधिकारियों के साथ इन चिंताओं को उठाया
भुटोरिया ने कहा, मैंने व्यक्तिगत रूप से दक्षिण और मध्य एशिया को संभालने वाले अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के साथ इन चिंताओं को उठाया है। यह ज़रूरी है कि अमेरिका, भारत और संयुक्त राष्ट्र बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई करें, बांग्लादेशी सरकार को जवाबदेह ठहराएं और गलत तरीके से कैद किए गए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करें।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ आना चाहिए
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कई लोगों के दिलों के करीब है। पिछले अमेरिकी चुनाव में, बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकियों ने राष्ट्रपति ट्रंप को वोट दिया था, और उनके समर्थन का एक प्रमुख कारण बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा और कनाडा सहित दुनिया भर में हिंदुओं के साथ होने वाला भेदभाव था। अब, पहले से कहीं ज़्यादा, यह ज़रूरी है कि हम अपनी आवाज़ उठाएं और बांग्लादेश में सताए गए हिंदुओं के लिए न्याय और चिन्मय कृष्णदास की तत्काल रिहाई की मांग के मुदृे पर एकजुट हों।
अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा का भी आह्वान
भुटोरिया ने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सभी अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए एक साथ आना चाहिए।” हम बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य सहित सभी अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का भी आह्वान करते हैं। ध्यान रहे कि अजय भुटोरिया एशियाई अमेरिकी मूल के लेखक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हैवियन और प्रशांत द्वीप समूह के सलाहकार आयोग में कार्यरत हैं। साथ ही अमेरिका में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए सबसे अधिक फंड जुटाने वाले फाइनेंस चेयर हैं।