ऐसे की नए पहाड़ों की खोज
तरंगें जब धरती के अंदर से गुजरती हैं, तो उनकी ऊर्जा धीरे-धीरे कम होती जाती है, जिसे डैम्पिंग प्रक्रिया कहा जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार जिस स्थान पर ये पहाड़ मिले है वहाँ भूकंपीय तरंगें सामान्य से धीमी थी। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि इस स्थान पर कोई विशाल संरचना हो सकती है। शोधकर्ताओं ने डैम्पिंग प्रक्रिया को समझ कर शोध किया तो वहाँ दो बड़े पहाड़ों का पता चला।
टेक्टोनिक कब्रिस्तान से घिरे हैं
नीदरलैंड की यूट्रेक्ट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और भूकंप वैज्ञानिक डॉ. अर्वेन ड्यूस ने रिसर्च के बारे में कहा कि दोनों विशाल संरचनाएं पृथ्वी की सतह के नीचे स्थित अर्ध-ठोस परत की सीमा पर स्थित हैं और विशाल टेक्टोनिक कब्रिस्तान से घिरी हुई है। टेक्टोनिक प्लेट्स जब लगातार धीमी गति से एक-दूसरे से टकराती रहती है और एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे पृथ्वी की सतह से करीब 3,000 किलोमीटर की गहराई तक डूब जाती है। इतनी गहराई में उच्च तापमान और दबाव के कारण यह प्लेट्स पिघल कर समाप्त हो जाती है, जिसे टेक्टोनिक कब्रिस्तान कहा जाता है।