नोट का डिज़ाइन ईरान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर
इस नोट का डिज़ाइन ईरान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर दर्शाता है। इसमें प्रमुख व्यक्तियों, जैसे आयतुल्ला खुमैनी की तस्वीरें और अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों का चित्रण होता है। नोट में एक अदृश्य वॉटरमार्क होता है, जो इसे नकली नोटों से अलग करता है।इसमें एक विशेष सुरक्षा धागा होता है जो प्रकाश में चमकता है। वहीं माइक्रोटेक्स्ट यानि नोट पर छोटे अक्षरों में लिखा टेक्स्ट होता है, जिसे केवल लुपा से देखा जा सकता है। यह नोट बड़े लेन-देन के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे व्यावसायिक सौदों और वित्तीय लेन-देन में काम आता है। सामान्यतः छोटे लेन-देन में छोटे मूल्य के नोटों का प्रयोग होता है।
इस नोट का महत्व और भी बढ़ गया
बहरहाल यह नोट सामान्यतः बड़े व्यापारिक लेन-देन, जैसे कि रियल एस्टेट या बड़े उद्योगों में प्रयोग होता है। हालांकि, रोज़मर्रा की छोटी खरीदारी के लिए लोग छोटे मूल्य के नोटों का ही उपयोग करते हैं। ईरान में मुद्रा के मूल्य में अस्थिरता के कारण आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है, जिससे इस नोट का महत्व और भी बढ़ गया है। ईरान की अर्थव्यवस्था में उच्च मुद्रास्फीति के कारण बड़ी संख्याओं में नोट जारी किए गए हैं। इससे आम जनता पर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि उच्च मुद्रास्फीति के चलते वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि होती है।
ईरान के पांच लाख रियाल बनाम भारतीय मुद्रा
जानकारों के अनुसार ईरान में पांच लाख रियाल के नोट की भारतीय मुद्रा की बात करें तो यह कीमत समय-समय पर बदलती रहती है, क्योंकि यह विनिमय दरों पर निर्भर करती है। मान लीजिए वर्तमान विनिमय दर 1 ईरानी रियाल लगभग 0.0022 भारतीय रुपये के बराबर है तो पांच लाख रियाल का नोट लगभग 1,100 भारतीय रुपये के बराबर हो सकता है। हालांकि, सही और अद्यतन जानकारी के लिए आपको वर्तमान विनिमय दर की जांच करनी चाहिए, क्योंकि यह समय-समय पर बदलती रहती है।
ईरान में भारतीयों की संख्या
विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, ईरान में 10,320 भारतीय ( NRI New In Hindi) रह रहे हैं। साथ ही वहां 445 भारतीय मूल के लोग भी हैं। इस तरह ईरान में भारतीयों की संख्या 10,765 है। अगर भारतीय छात्रों की बात करें तो पिछले साल विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया था कि 2023 में ईरान में 1700 के करीब छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
भारत और ईरान में व्यापार संबंध
भारत और ईरान का व्यापारिक इतिहास हजारों साल पुराना है। दोनों देशों के बीच पारंपरिक व्यापारिक संबंधों के साथ-साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी हुआ है। भारत ईरान का एक प्रमुख कच्चे तेल और गैस का आयातक है। ईरान से कई रसायनों का भारत से ईरान को औद्योगिक सामान मशीनरी और उपकरण, कृषि उत्पाद चाय, चावल और मसाले और दवाइयां भारत से कई दवाओं का निर्यात होता है। भारत ने ईरान के चाबहार पोर्ट विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो ईरान के माध्यम से अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंच प्रदान करता है।