NATO से टक्कर के लिए हो रही तैयारी!
ये समझौता शीतयुद्ध कालीन नाटो-वारसा खेमेबंदी (NATO-WARSAW Pact) की यादें ताजा करता है। इतना ही नहीं, हनोई में प्रेस वार्ता के दौरान पुतिन ने कहा कि नाटो (NATO) ने एशिया में रूस की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर दिया है। ऐसे स्थिति में रूस के पास भी दुनिया के इस इलाके में हथियारों की आपूर्ति की विकल्प खुला हुआ है। पुतिन ने साफ कर दिया कि यह नहीं समझना चाहिए कि रूस नियमों में बंधकर ही काम करता रहेगा। हम नियम बदल भी सकते हैं। पुतिन ने कहा, अगर पश्चिमी देश यूक्रेन (Ukraine) को सीधे रूस पर हमले के लिए हथियार देकर यह समझते हैं कि वे युद्ध में शामिल नहीं हो रहे हैं, तो हम भी यह करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि पुतिन का इशारा उत्तर कोरिया को उन्नत परमाणु हथियार तकनीक दिए जाने की ओर है। यात्रा के दौरान पुतिन ने दक्षिण कोरिया को भी चेतावनी दी कि, अगर वह यूक्रेन की मदद करता है तो हम ऐसे निर्णय लेंगे जो दक्षिण कोरिया के नेतृत्व को पसंद नहीं आएंगे।
पुतिन दे रहे दुनिया की शांति और स्थिरता में योगदान
वियतनाम में पुतिन का उसी तरह से स्वागत किया गया, जैसा कि अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के वियतनाम दौरे के दौरान किया गया था। कम्युनिस्ट देश वियतानाम के राष्ट्रपति टो लैम और प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह दोनों ने पुतिन की भरपूर तारीफ की। लैम ने पुतिन को दुनिया में शांति, स्थिरता और विकास में योगदान देने वाला बताया। गौर करने की बात है कि वियतनाम को दुनिया की सबसे मजबूत उभरती अर्थव्यवस्थाओं में एक माना जाता है, उत्तरी कोरिया की तरह कोई यूएन द्वारा प्रतिबंधित राष्ट्र नहीं। दोनों देशों के बीच इस यात्रा के दौरान तेल और गैस, परमाणु विज्ञान और शिक्षा पर 11 समझौते हुए। वियतनाम में व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि “हम एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक विश्वसनीय सुरक्षा संरचना का निर्माण करना चाहते हैं।” तो वहीं वियतनाम के राष्ट्रपति टो लैम ने कहा कि “रूस राष्ट्रपति के रूप में पुतिन ने सभी कठिनाइयों और चुनौतियों को पार करते हुए दुनिया में शांति, स्थिरता और विकास में योगदान दिया है।”
एशिया में पुतिन, सबसे बुरी आशंका का सच होने जैसा- अमेरिका
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की इस एशिया पर अमरीका की ओर से गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। अमरीका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि अत्यंत गंभीर खतरा है…यह हथियारों के प्रकार पर निर्भर करेगा कि रूस किस तरह के हथियारों की आपूर्ति इस क्षेत्र में करता है। वहीं, जापान में अमरीकी राजदूत रहम इमैनुएल ने एशिया में पुतिन की सक्रियता को सबसे बुरी आशंका सच होना बताया है। उन्होंने कहा, रूस ने अभी जो किया है, वह यह कि वे उन दुष्ट देशों के प्रमुख आयोजक बनने जा रहे हैं जो परमाणु हथियार विकसित करते हैं।
अब ईरान की यात्रा करेंगे पुतिन
पुतिन की एशिया की यह यात्रा ऐसे समय में हुई जब यूक्रेन अगले सप्ताह यूरोप में शामिल होने संबंधी वार्ता शुरू करने जा रहा है। दोनों देशों की इन यात्राओं से पहले पुतिन चीन की यात्रा पर जा चुके हैं और इसके बाद उनका पश्चिमी एशियाई देश ईरान जाना प्रस्तावित है।