कहां बस रहा है ये नया देश?
वेटिकन सिटी की तर्ज पर बन रहे इस देश में इस्लाम का सेंटर होगा। यानी जैसे ईसाई धर्म का सेंटर वेटिकन को माना जाता है, वैसे ही इस्लाम का केंद्र ये नया देश माना जाएगा। ये नया देश अल्बानिया (Albania) की राजधानी तिराना में होगा। इस देश में मुस्लिम धर्म के सभी मुद्दों को डील किया जाएगा।
क्या होंगे कानून?
वैसे तो मुस्लिम देशों में से ज्यादातर में शरिया कानून लागू है लेकिन इस नए देश में ऐसा नहीं होगा। खबर है कि इस नए देश में महिलाओं को पूरी आज़ादी मिलेगी, साथ ही ये देश सभी आधुनिकताओं से लैस होगा। यहां शराब भी खरीदी और बेची जा सकती है।
क्यों बसाया जा रहा है नया देश?
अब सवाल आता है कि एक और देश को क्यों बसाया जा रहा है? दरअसल अल्बानिया की सेना में सेवारत रहे और वर्तमान में बेक्टाशी ऑर्डर के मुखिया मौलवी एडमंड ब्रहीमाज़ उर्फ बाबा मोंडी ने इस नए देश की परिकल्पना की है। वे कई सालों से एक नए मुस्लिम देश को बसाने के बारे में सोच रहे हैं। ये नया देश अल्बानिया की राजधानी तिराना में बसाया जाएगा। ये सिर्फ 27 एकड़ में बसेगा। यहां अलग शासन होगा, प्रशासन होगा कानून-कायदे होंगे, नए देश का वीज़ा-पासपोर्ट बनेगा।
इस्लाम का दिखेगा नया चेहरा!
दरअसल 65 साल के बाबा मोंडी शिया सूफी संप्रदाय से हैं। इस नए देश में इसी सूफी नियमों का ही कानून बनेगा। बाबा मोंडी दुनिया भर के मुसलमानों में काफी लोकप्रिय हैं। अल्बानिय़ा में ही इस संप्रदाय का आधार है, हालांकि 13 वीं सदी में इस संप्रदाय का आधार तुर्की में माना जाता था। बाबा मोंडी के मुताबिक वो ये देश इसलिए बसा रहे हैं ताकि इस्लाम का कट्टरवादी बल्कि एक उदारवादी चेहरा दुनिया के सामने रखा जा सके। अल्बानिया के प्रधानमंत्री ईदी रामा ने कहा कि इस देश में लोगों को अपनी तरह से जीने की आज़ादी होगी, दूसरे इस्लामिक देशों की तरह ये देश नहीं होगा। यहां इस्लाम के उदारवाद का एक नया चेहरा लोगों को देखने को मिलेगा।