जर्मनी के रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि टीका नहीं लगवाने वालों और टीके की केवल एक खुराक लेने वालों को संक्रमण से सर्वाधिक खतरा है। जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री ने देश में कोविड-19 के खिलाफ लोगों को अधिक प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने वाली बूस्टर खुराक वाले टीकाकरण अभियान को तेज करने की वकालत की है। इसके साथ ही उन्होंने देश में जांच की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया है।
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ब्रिटेन में भी लगातार 30 हजार से अधिक केस सामने आ रहे हैं। ब्रिटेन में पिछले एक हफ्ते में 1200 से अधिक और जर्मनी में 950 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बेल्जियम के स्वास्थ्य मंत्री फ्रैंक वांडरब्रुक ने भी माना है कि उनका देश कोरोना की चौथी लहर का सामना कर रहा है।
जर्मनी और ब्रिटेन के साथ ही नीदरलैंड, पोलैंड और रूस जैसे देशों में कोरोना एक बार पांव पसार रहा है। ये वो देश हैं जो अपनी करीब दो तिहाई आबादी को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर चुके हैं। ऐसे में एक बार फिर से यह सवाल पूछा जाने लगा है कि इस सर्दी में फिर कोविड का खतरा बढ़ जाएगा? भारत जैसे बड़ी आबादी वाला देश भी इस तरह के डेटा को देखकर चिंतित है। भारत अब तक सिर्फ अपनी 20 फीसद आबादी को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर सका है।
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यूरोपीय देशों में कोरोना महामारी पिछली बार की तरह अबकी सर्दी में भी में तेजी से पांव पसार रही है। यह स्थिति तब है जब पिछली ठंड के विपरीत इस बार कोरोना रोधी टीकों का कवच उपलब्ध है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक यूरोप और रूस जैसे क्षेत्र में नए मामले बढ़ रहे हैं। लगातार तीसरे हफ्ते में कोरोना के नए मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
कोविड के बढ़ते मामले को लेकर ब्रिटेन के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ। ड्रोबाक ने कहा है कि कोरोना से बचाव के लिहाज से टीका कोई रामबाण हथियार नहीं है। हालांकि उन्होंने माना कि टीका निश्चित तौर पर गेम चेंजर साबित हो रहा है। डेल्टा के बाद कोरोना के कई नए वेरिएंट को लेकर उन्होंने कहा है कि ब्रिटेन की रणनीति सबकुछ टीकाकरण भरोसे छोड़ देने की है, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता।