ब्लैकमैन ने ये सवाल तब पूछा है जब हाल में एक फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि लीसेस्टर में पिछले साल दुबई में भारत-पाकिस्तान एशिया कप क्रिकेट मैच के बाद हुई हिंसक झड़पों का कारण यहां रह रहे समुदायों के बीच साम्प्रदायिक आधार पर लामबंदी का बढ़ना है। एक एनजीओ द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट की लॉन्च करने की उल्लेख ब्लैकमैन ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर भी किया है।
ब्रिटिश संसद में हैरो ईस्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद ब्लैकमैन ने कहा कि जैसा कि मेरे एक अन्य साथी ने बताया कि भारतीय दूतावास पर इस हमले के दौरान भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को हटाने का प्रयास किया गया, उसकी खिड़कियां तोड़ दी गईं और कई सुरक्षा गार्ड घायल हो गए। बॉब ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स के नेता पेनी मोर्डंट को संबोधित करते हुए कहा कि खालिस्तानी गुंडों द्वारा भारतीय उच्चायोग के बाहर जो गुंडागर्दी हुई, वह इस देश के लिए पूरी तरह से अपमानजनक है। ब्लैकमैन ने कहा कि छह सालों में यह 6वीं बार है जब भारतीय उच्चायोग पर इसी तरह से हमला किया गया है।
इसके जवाब में सदन की नेता पेनी मोर्डंट बॉब ब्लैकमैन को हमले की निंदा करने के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि हम लंदन स्थित भारतीय दूतावास की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इस मुद्दे को लेकर हम भारत सरकार के निरतंर संपर्क में हैं। यह तय करना पुलिस और क्राउन प्रॉसीक्यूशन का काम होगा कि वारंट और आपराधिक कार्यवाही से जुड़ी कार्रवाई की जरूरत है या नहीं। मोर्डंट ने हाउस ऑफ कॉमन्स को आश्वासन दिया कि यूके सरकार भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को गंभीरता से लेती है।
बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि इसी तरह के हमले कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी किए गए हैं। क्या हम इस सदन इस बात पर बहस कर सकते हैं कि इन आतंकवादियों को इस देश में प्रतिबंधित करने के लिए हम क्या कार्रवाई कर सकते हैं?
बड़ी संख्या में भारतीय-अमरीकी समुदाय के सदस्यों ने सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्य दूतावास के सामने भारत के समर्थन में एक शांति रैली निकाली है। अलगाववादी सिखों ने इस सप्ताह की शुरुआत में यहां तोड़फोड़ की थी।
वहीं, अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि कनाडा पंजाब के घटनाक्रम पर ‘काफी करीबी’ नजर रख रहा है और समुदाय की चिंताओं को दूर करना जारी रखेगा।