बता दें कि जिस वैन को आतंकी टारगेट कर रहे थे उसमें 11 राजनयिक थे। घटना के बाद, पुलिस अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि सभी राजनयिक सुरक्षित हैं और उन्हें इस्लामाबाद भेज दिया गया है।
इन देशों के राजनयिक थे शामिल
रिपोर्ट के मुताबिक इस काफिले में ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, ईरान, इथियोपिया, पुर्तगाल, रूस और अन्य देशों के राजदूत शामिल थे। वहीं घायल अधिकारियों को सैदु शरीफ स्थित जिला मुख्यालय अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
अभी तक किसी भी संगठन ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
6 देशों का 11 राजनयिकों पर हुए इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। लेकिन पाकिस्तान की पुलिस का अंदेशा है कि जिन आतंकियों ने मार्च महीने में खैबर पख्तूनख्वा में हाइड्रोपॉवर प्लांट पर चीनी इंजिनियरों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। उन्होंने ही इस घटना को अंजाम दिया है। हालांकि पुलिस हमले के हर पहलू को देखकर जांच कर रही है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति भड़के
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। जरदारी ने हमले में मारे गए पुलिस अधिकारी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने घटना में घायल हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
रूस ने दिया बयान
अपने राजनयिकों पर हमले को लेकर पाकिस्तान में स्थित रूसी दूतावास ने बयान जारी कर रहा है कि 22 सितंबर को, राजदूत अल्बर्ट पी. खोरेव ने कई अन्य राजदूतों के साथ इस्लामाबाद चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के आयोजित स्वात पर्यटन शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। फिर खैबर-पख्तूनख्वा के मिंगोरा शहर से होटल जाते समय उन पर हमला हुआ। जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं, वहीं राजनयिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
तालिबान के लौटने के बाद पाकिस्तान में बढ़े आतंकी हमले
पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से पाकिस्तान में हिंसक हमले बढ़ रहे हैं, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के सीमावर्ती प्रांतों में आतंकी वारदात ज्यादा हो रही हैं। पाक इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज (PIPS) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने दोनों प्रांतों में घातक हमलों में तेज वृद्धि देखी गई। इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक द्वारा प्रबंधित सुरक्षा घटनाओं के डिजिटल डेटाबेस ने चिंताजनक स्थिति का संकेत दिया क्योंकि जुलाई में हमलों की संख्या 38 से बढ़कर अगस्त में 59 हो गई। इन घटनाओं में खैबर पख्तूनख्वा में 29, बलूचिस्तान में 28 और पंजाब में दो हमले शामिल थे। इस बीच, अगस्त के दौरान केपी में 29 आतंकवादी हमलों में 25 लोग हताहत हुए।