वे विश्व के एकमात्र हिन्दी के साहित्यकार हैं जिन्हें ब्रिटेन की महारानी ने बकिंघम पैलेस में एम.बी.ई. की उपाधि से सम्मानित किया है। इतना ही नहीं, तेजेन्द्र शर्मा कथा यूके संस्था के महासचिव हैं, जिसने ब्रिटेन की संसद में हिन्दी कार्यक्रमों की शुरुआत की। खुशी की बात यह है कि वे अपनी संस्था के माध्यम से ब्रिटेन की संसद में अंतरराष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान का आयोजन करते हैं।
इस आदमी में दस बीस आदमी प्रख्यात शायर निदा फाजली ने कहा है :
हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी,
जिसको भी देखना हो कई बार देखना।
अगर हम तेजेंद्र शर्मा के बहुआयामी व्यक्तित्व व योगदान की बात करें तो पता चलता है कि उनका साहित्यिक योगदान अतुलनीय है। वे कहानी, कविता, ग़ज़ल व आलोचना के क्षेत्र में समान रूप से सक्रिय लेखन कर रहे हैं। उनके अब तक 24 से अधिक कहानी और कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उनके लेखन पर 15 से अधिक आलोचनात्मक ग्रंथ छप चुके हैं। इसके अलावा तेजेंद्र शर्मा की लिखी कहानियां भारत के बहुत से विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं और उन पर 12 एम. फ़िल और पांच पीएच.डी. हो चुकी हैं।
ढेर सारे सम्मान मिल चुके
उन्हें केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, हरियाणा साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश सरकार और महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी के सम्मानों से नवाजा जा चुका है। तेजेंद्र शर्मा को टाइम्स नाऊ और आई.सी.आई.सी.आई. बैंक का एन.आर.आ. ऑफ़ दि ईयर का सम्मान और भारतीय उच्चायोग की ओर से हरिवंशराय बच्चन सम्मान व उनकी संस्था कथा यूके को फ़्रेड्रिक पिन्कॉट सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
प्रवासी सम्मेलन व कहानी कार्यशालाओं का आयोजन
तेजेंद्र शर्मा ने ब्रिटेन, अमरीका, कनाडा और भारत में प्रवासी सम्मेलन और कहानी कार्यशालाओं का भी आयोजन किया हैं। वे लंबे अरसे से भारतीय उच्चायोग व नेहरू सेन्टर के आयोजनों में सक्रिय भागीदारी निभाते रहे हैं।