इतने सारे हुनर
हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी जिस को भी देखना हो कई बार देखना। हम जिस प्रवासी भारतीय साहित्यकार ( NRI Writer) की बात कर रहे हैं, वो एक ही समय में बहुत सारे काम कर के अपना लोहा मनवा रही हैं। अवध की बेटी डॉ.शिप्रा शिल्पी सक्सेना शिक्षाविद, संपादक, पत्रकार, साहित्यकार, अनुवादक, संचालक, मीडिया प्रोफेशनल, वाइसओवर आर्टिस्ट, शॉर्ट फिल्म एडिटर, कवयित्री, चित्रकार, रंगमंच कलाकार व सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में खूब कमाल कर रही हैं।साहित्य व संस्कृति का प्रचार प्रसार
वे एक ओर जहां एमआरपी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से संबदृध रही हैं, तो विगत एक दशक से जर्मनी के कोलोन शहर में निवास करते हुए हिन्दी भाषा, साहित्य व संस्कृति का प्रचार प्रसार कर रही है। डॉ.शिप्रा शिल्पी सक्सेना हिन्दी साहित्य व जनसंचार पत्रकारिता विभाग के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विषय में डॉक्टरेट है। वे लखनऊ दूरदर्शन, आकाशवाणी में लंबे समय तक कार्य कर चुकी हैं और उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद विश्वविद्यालय, भारत) हिन्दी की पूर्व विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुकी हैं।पारिवारिक पृष्ठभूमि
उनका जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले बहराइच के अत्यंत शिक्षित व सभ्रांत परिवार में हुआ। इनके पिता विनोदकुमार श्रीवास्तव अधिवक्ता हाईकोर्ट व माता कुमुद श्रीवास्तव विदुषी महिला हैं। बड़े भाई वैभव राज व बड़ी बहन ऋचा श्रीवास्तव के संग आप घर की सबसे छोटी संतान हैं। उनकी बचपन से ही पढ़ाई व कलाओं के प्रति आपकी अभिरुचि रही है। छोटी उम्र मे ही ये सब लखनऊ में बस गए और इनकी मुख्य शिक्षा यहीं हुई। उनके जीवन में आपके पिता माता, परिवार पति रवि सक्सेना व बेटे लव सक्सेना का सर्वाधिक प्रभाव है।लखनऊ से विधि स्नातक
आपसी संबंधों व पारिवारिक मूल्यों को अत्यधिक महत्व देने वाली शिप्रा ने लखनऊ के प्रसिद्ध आईटी कॉलेज से विधि स्नातक किया। उन्होंने नृत्य गायन आदि कलाओं में पारंगत आपने उत्तर प्रदेश व लखनऊ विश्वविद्यालय की कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभागिता निभाई और है इनाम भी जीते हैं तो इप्टा के साथ रंगमंच भी किया। उन्होंने दूरदर्शन के लिए कई डॉक्यूमेंट्रीज बनाईं। साथ ही कार्यक्रमों का संचालन भी किया।बहुत प्रशिक्षित हैं
वे डिप्लोमा इन फोरेन अफेयर्स, थिएपर साइंस, डेस्क टॉप पब्लिशिंग व फिल्म एडिटिंग में प्रशिक्षित हैं। उन्होंने हिंदी, अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच ,संस्कृत व पंजाबी भाषाओं का अध्ययन किया है। वे लगभग एक दशक से जर्मनी में रहते हुए वैश्विक स्तर पर वैश्विक हिंदीशाला संस्थान (विहस, VHSS) के माध्यम से हिंदी भाषा का शिक्षण कर रही है। सृजनी ग्लोबल जर्मनी चैनल (अव्यवसायिक), International Poetry Translation & Creative Writing Club, Theater and Art club व Glück Media & ad labs जर्मनी की संस्थापक है।संपादन में माहिर
शिप्रा भारतीय कौंसलवास, न्यूयॉर्क की आधिकारिक हिन्दी पत्रिका ‘अनन्य – जर्मनी’, बहुभाषीय और बहुराष्ट्रीय पत्रिका ‘प्रज्ञान – विश्वम’ , साहित्य समाचार पोर्टल’, यूरोप की संपादक और ‘विश्वरंग’ जर्मनी की सांस्कृतिक निदेशक है। वे गत 6 वर्षों से अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति ABS 4 व सामाजिक कार्य की संस्था ‘विडर्सडोर्फ हिल्फे सोसाइटी’ e.V. विडर्सडोर्फ, कोलोन की सक्रिय सदस्य हैं।वैश्विक स्तर पर कार्य
वे एक दशक से हिंदीशाला के माध्यम से वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा का शिक्षण कर रही हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय व संस्थाओं में एडिटिंग फिल्म मेकिंग व तकनीकी प्रशिक्षण के साथ साथ कत्थक,रंगमंच व चित्रकारी का भी प्रशिक्षण देती हैं।बहुत से सम्मान
वर्ष 2022 में आपको गुजरात लिटरेचर फेस्टिवल में भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, वैज्ञानिक संचेतना के कवि एवं कादम्बनी के पूर्व संपादक, पत्रकार पंडित सुरेश नीरव से ‘प्रवासी सृजन अमृत सम्मान’ से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2023 में पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने उन्हें ‘प्रवासी भारतीय हिंदी सेवी सम्मान’ से सम्मानित किया।सांस्कृतिक राजदूत
उन्हें हिंदी साहित्य, भारतीय कला ,संस्कृति, सभ्यता व पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान के लिए सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक पद्मश्री डॉ बिन्देश्वर पाठक ने *इंडो जर्मन साहित्यिक व सांस्कृतिक राजदूत * विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया है। वहीं सामाजिक क्षेत्र में दिए गए योगदान के लिए 2022 _ 2024 में ‘विडर्सडोर्फ हिल्फे सोसाइटी’ e.V. विडर्सडोर्फ, कोलोन की ओर से Women Of Substance अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।साहित्यिक संस्थाओं ने सम्मानित किया
वर्ष 2023 में उनकी बाल कहानी टोकरी को हिंदी, अंग्रेजी व जर्मन में अनुवाद के लिए Martin Luther King: Bestes Geschichtenschreiben सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। वे कनाडा के विश्व हिंदी संस्थान द्वारा ग्लोबल लिटरेचर अवार्ड व हिंदी साहित्य अकादमी मुंबई से साहित्य शिखर शिरोमणि सम्मान से सम्मानित हैं। शिप्रा वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल की ओर से ‘युवा प्रतिभा सम्मान’ से सम्मानित की गई हैं। उन्हें काव्य कार्नर फाउंडेशन, श्री जी फाउंडेशन, आदि देश विदेश की साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं ने भी सम्मानित किया है।दूतावासों से सम्मान
वे अपनी कविताओं, कहानियों, गीतों व आलेखों आदि विधाओं के लिए भारतीय दूतावास -जर्मनी के विश्व हिंदी दिवस की प्रतियोगिता की विजेता भी रही हैं। साथ ही कनाडा, अमेरिका, पोलैंड, ओमान, आस्ट्रेलिया, दुबई, कतर, बहरीन व यूनाइटेड किंगडम के भारतीय दूतावास में अपनी प्रस्तुतियों के लिए सम्मानित की जाती रही हैं। उन्हें यूनिसेफ, खेल मंत्रालय, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, पृथ्वी व शिक्षा मंत्रालय, भारत की ओर से भी समय समय पर कई सम्मानों से सम्मानित किया गया है।प्रस्तुतियां
देश विदेश के कई प्रतिष्ठित मंचों व चैनलों जैसे आज तक, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के विज्ञान चैनल, न्यूज़ वन कनाडा, जी टीवी व MTV London आदि कई प्रतिष्ठित चैनलों पर निरंतर आपके कार्यक्रमों का प्रसारण होता रहता है।
उनकी पुस्तकें
जर्मनी की चयनित रचनाएं (प्रकाशित)संपादक : डॉ शिप्रा शिल्पी सक्सेना
मीडिया एवं जनजागरण दो अन्य पुस्तकें प्रकाशाधीन।