लोग खाने, ईंधन और दवाओं की बढ़ती कीमतों के खिलाफ सड़कों पर उतर चुके हैं। इन हालातों में रणतुंगा ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को कुर्सी छोड़ने की नसीहत दे डाली। साथ ही पड़ोसी देश भारत की जमकर तारीफ भी की है।
जैसा कि भारत ने स्वतंत्रता के बाद से सबसे बड़े आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका की मदद की, पूर्व क्रिकेटर और श्रीलंकाई राजनेता अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंका की जरूरत की घड़ी में हर संभव तरीके से समर्थन करने के लिए पीएम मोदी और भारत को धन्यवाद दिया। अर्जुन रणतुंगा ने कहा कि भारत श्रीलंका का बड़ा भाई रहा है।
एएनआई से बात करते हुए रणतुंगा ने कहा, “श्रीलंका की इस सरकार ने अपने फायदे के लिए पूरे संविधान को बदल डाला। भारत हमारा बड़ा भाई है। वे पेट्रोल और दवाओं जैसी हमारी जरूरतों को देख रहा है। भारत हमारी काफी मदद कर रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “विरोध प्रदर्शनों में हमारे देश के आम लोग सिर्फ दूध पाउडर, गैस, चावल, पेट्रोल जैसी बुनियादी चीजें मांग रहे हैं। मैं हिंसा से बिलकुल सहमत नहीं हूं। देश पिछले दो साल में एक बड़े संकट में घिर गया है। वे कोरोना का बहाना बना सकते हैं, लेकिन दुनिया भी तो इससे गुजरी है।”
पूर्व विश्व चैंपियन कप्तान ने कहा, “दुर्भाग्य से इस सरकार ने कोरोना को सही से नहीं संभाला। वे अहंकारी और अति आत्मविश्वासी थे। अगर राष्ट्रपति को लगता है कि वह हालात संभाल नहीं सकते तो पद छोड़ सकते हैं। हम दुनिया भर में पैसों की भीख मांग रहे हैं। सौभाग्य से ऐसे देश हैं, जो हमारी मदद कर रहे हैं, खासकर भारत।”
बद से बदतर हालात के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से लगातार इस्तीफे मांगा जा रहा है, लेकिन वह पद पर बने हुए हैं। लोग सड़कों पर उतर आए हैं और पुलिस विरोध प्रदर्शन को कुचलने के लिए बल का इस्तेमाल कर रही है। इस बीच श्रीलंका की सरकार ने यह भी कह दिया कि राष्ट्रपति राजपक्षे किसी भी हालत में इस्तीफा नहीं देंगे और वह मौजूदा मुद्दों का सामना करेंगे।