लीक हुआ डेटा उत्तर कोरिया के पास
बताया जा रहा है कि लीक की गई जानकारी में राजनयिक के रूप में काम करने वाले आधिकारिक कवर एजेंटों के साथ-साथ अंडरकवर एजेंट भी शामिल हैं। जानकारी लीक होने के बाद एजेंट अपनी पहचान उजागर होने की चिंता के कारण घर लौट आए हैं। सैन्य अधिकारियों को पता चला कि लीक जानकारी से प्रभावित कई एजेंटों को उत्तर कोरिया से संबंधित ऑपरेशनों का काम सौंपा गया था। साथ ही यह भी पता चला कि लीक हुआ डेटा उत्तर कोरिया को भेजा गया था।
2013 से बिक रहा कोरिया का डेटा
दरअसल, इस मामले में जांच अधिकारियों के निशाने पर कोरिया डिफेंस इंटेलिजेंस कमांड का एक अधिकारी आ गया है। वह उसकी भूमिका को भी खंगाल रहे हैं, क्योंकि उन्हें आशंका है कि गोपनीय फाइलें अधिकारी के निजी लैपटॉप में थीं। अधिकारियों का मानना है कि लैपटॉप ही लीक का स्रोत है। लेकिन, अधिकारी ने कथित तौर पर दावा किया कि उसके लैपटॉप को हैक किया गया था। यह पहली बार नहीं है, जब कोरिया डिफेंस इंटेलिजेंस कमांड को इस तरह के बड़े डेटा लीक का सामना करना पड़ा है। 2018 में, अधिकारियों ने पाया था कि कमांड का एक अधिकारी 2013 से विदेशों में खुफिया जानकारी बेच रहा था।