शरीर के किस हिस्से पर सांप के काटने से तुरंत हो जाती मौत?
Snake Bite: दुनिया में भारत में सबसे ज्यादा सांपों के काटने के केस सामने आते हैं और सबसे ज्यादा मौतें भी भारत में ही होती हैं। यहां पर कोबरा, करैत, वाइपर जैसे ज़हरीले सांप पाए जाते हैं।
Snake Bite: 16 जुलाई को पूरी दुनिया में विश्व सर्प दिवस मनाया जा रहा है। इस दुनिया में लगभग 3,000 से 3,500 प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं। वहीं भारत में (Snake in India) अकेले भारत में 300 से 350 सांप का प्रजातियां पाई जाती हैं। जिसमें सबसे खतरनाक और ज़हरीला सांप कोबरा है। वहीं करैत और नाग जैसी प्रजातियों के सांप भी बेहद जहरीले होते हैं। वहीं पूरी दुनिया में भारत में सबसे ज्यादा सांपों के काटने के केस सामने आते हैं और सबसे ज्यादा मौतें भी भारत (Snake Bite Death in India) में ही होती हैं। सोते जागते, उठते-बैठते इंसान के शरीर के किसी भी हिस्से पर सांप काट लेता है। अगर शख्स को तुरंत इलाज नहीं मिला तो उसकी मौत भी हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सांप इंसान के शरीर के किस हिस्से में काट ले तो उस इंसान की मौत की संभावना बढ़ जाती है। तो हम आपको इस बारे में बताते हैं।
दरअसल सांपों का जहर कई सौ प्रोटीनों से बना होता है वैज्ञानिक भाषा में इसके ज़हर को प्रोटीन ही कहा गया है। जिनका मानव शरीर पर अलग जहरीला प्रभाव होता है। एक सांप का जहर दूसरे सांप के जहर जैसा नहीं हो सकता, भले ही वो एक ही प्रजाति के ही क्यों ना हों। लेकिन, कुल मिलाकर सांप दो तरीके से शरीर पर हमला करते हैं जिससे मौत की संभावना बढ़ जाती है। ये हैं खून के संचार प्रणाली (Blood Circulation) पर और तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम पर हमला करके।
खून के संचार प्रणाली पर अटैक से बचना नामुमकिन
सांप जब इंसान के शरीर के किसी भी हिस्से में काटता है तो उसका हेमोटॉक्सिक जहर इंसानी शरीर के खून के संचार में चला जाता है। जो बहुत सारे छोटे रक्त के थक्कों को ट्रिगर कर सकता है और फिर जब जहर खून की वाहिकाओं (Blood Vessel) में छेद करता है जिससे उनमें रिसाव होने लगता है। ऐसे में इस रिसाव को रोकने के लिए कुछ भी नहीं बचता जिससे इंसान की मौत हो जाती है। कुल मिलाकर सांप का काटना खून के संचरण पर निर्भर करता है।
इंसानी शरीर का हृदय खून को पंप कर पूरे शरीर को भेजता रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सांप शरीर के किसी भी हिस्से पर काटे उसका जहर खून में मिलकर तेजी से शरीर में फैलता तो है। लेकिन अगर सांप ने हृदय के आस-पास काटा है तो इंसान की मिनटों में मौत भी हो जाती है। क्योंकि पंप करने वाली जगह के पास ही सांप का ज़हर घुलना शुरू हो जाता है। जिससे पूरे शरीर में जहर फैलने जाता है जो सीधा खून के संचार प्रणाली पर अटैक करता है और शरीर से जान निकाल लेता है।
नर्वस सिस्टम पर हमला
वहीं अगर सांप का न्यूरोटॉक्सिक जहर शरीर में पहुंचता है तो ये इंसानी शरीर के खून के संचरण पर नहीं बल्कि पूरे तंत्रिका तंत्र यानी नर्वस सिस्टम पर हमला करता है। ये तंत्रिका संकेतों को मांसपेशियों तक पहुंचने से रोकता है। यानी इससे पैरालिसिस हो जाता है। जो सिर से शुरू होकर शरीर के नीचे तक जाता है अगर इसका समय पर इलाज ना किया जाए तो डायाफ्राम लकवाग्रस्त हो जाता है और रोगी सांस नहीं ले पाता है। इसका एक क्लासिक संकेत पीटोसिस है, यानी जब लोग अपनी आंखें खुली नहीं रख पाते हैं।
सांप शरीर के जिस हिस्से पर काटता है वो हिस्सा मिनटों में ही नष्ट होने लग जाता है। ऐसा तब होता है जब ज़हर आस-पास की मांसपेशियों, ऊतकों और कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। समय पर इलाज ना लेने से शरीर का वो हिस्सा खराब हो जाता है।
हाथ और पैरों में सबसे ज्यादा काटते हैं सांप
दक्षिण एशिया में पाए जाने वाले करैत नामक सांपों के काटने पर दर्द नहीं होता है। जब घर के लोग सो रहे होते हैं, तो वे घरों में घुस जाते हैं और लोगों को काट लेते हैं। सांप ज़्यादातर पैरों और बाहों पर ही काटते हैं। करीब 70 प्रतिशत तक के मामले पैर और हाथ के निचले भागों पर सांप के काटने ते आते हैं, क्योंकि सांप के लिए इस भाग तक पहुंचना आसान होता है।