मारते-पीटते थे
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित भक्कर जिले के दरया खान इलाके में मौजूद खवावार कलन गांव के रहने वाले ये दोनों भाई शादीशुदा हैं, लेकिन उनकी बीवियां उन्हें छोड़ कर जा चुकी हैं। उनका आरोप था कि ये दोनों उन्हें मारते-पीटते थे और गाली-गलौज करते थे।
कब्र खुदी हुई थी
दोनों नरभक्षी भाइयों को साल 2011 में पहली बार तब गिरफ्तार किया गया था, जब वही पास के ही एक कब्रिस्तान से एक महिला का शव अचानक गायब हो गया था। उस महिला का नाम सायरा परवीन (24) था और उसकी कैंसर से मौत हुई थी। सायरा के घर वाले जब उसे कब्रिस्तान में दफना कर चले गए और अगले दिन वहां हुंचे तो देखा कि उसकी कब्र खुदी हुई थी और सायरा का शव गायब था, जिसके बाद उन्होंने इसकी पुलिस में शिकायत की। छानबीन के दौरान पुलिस को कहीं से पता चला कि सायरा के शव के गायब होने के पीछे फरमान अली और आरिफ अली का हाथ है। इसके बाद पुलिस उनके घर पहुंची तो देखा कि अंदर वाले कमरे में एक पतीले में करी जैसी कोई चीज रखी हुई थी।
हैरान करने वाला खुलासा
जब पुलिस ने कुछ और भी जगह जांच की तो उन्हें घर के बाहर एक बोरी में सायरा की लाश मिली, जिसे देख कर वो चौंक गई, क्योंकि उस लाश के अंग कटे हुए थे। इसके बाद पुलिस ने दोनों भाइयों को हिरासत में ले लिया और उस पतीले को जांच के लिए लैब में भिजवाया। जांच में पता चला कि वो करी इंसानी मांस की बनी हुई थी। जब पुलिस ने दोनों भाइयों से पूछताछ की तो हैरान करने वाला खुलासा हुआ। आरोपी को क्या सजा दी जाए
उन्होंने बताया कि वो कब्र से ऐसे मुर्दे निकालते थे, जो हाल ही में दफनाए गए हैं और उन्हें अपने घर लेकर आते थे। इसके बाद वो उसको पकाकर खाते थे। उनका कहना था कि वो अब तक 100 से ज्यादा मुर्दे खा चुके थे। यह बात अप्रैल 2011 में उन्होंने गिरफ्तारी के बाद बताई थी। बाद में दोनों आदमखोर भाइयों को
अदालत में पेश किया गया, लेकिन यहां एक परेशानी खड़ी हो गई, क्योंकि पाकिस्तान में इस तरह की हरकत के लिए आरोपी को क्या सजा दी जाए, इसका कोई प्रावधान ही नहीं था।
जेल से रिहा कर दिया
उन दोनों पर कब्र से छेड़छाड़ करने और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चला। अदालत ने दोनों को दो-दो साल की सजा सुनाई और और प्रत्येक पर 50,000 रुपए जुर्माना लगाया। दोनों को मियांवाली जिला जेल में रखा गया था। हालांकि वो वहां जेल में कम अस्पताल में ज्यादा रहे थे, क्योंकि उनका मानसिक इलाज किया जा रहा था। जब दोनों नरभक्षी भाइयों की सजा पूरी हो गई तो उन्हें मई 2013 में जेल से रिहा कर दिया गया। पतीले में इंसानी मांस की करी !
इसके बाद दोनों भाई अपने गांव पहुंचे, लेकिन वहां लोग उनकी रिहाई का विरोध करने लगे। उन्हें ये डर सताने लगा कि कहीं लोग उन्हें जान से न मार दें, इसलिए दोनों भाई किसी से मिलते-जुलते नहीं थे और इलाके में कम ही दिखते थे अप्रेल 2014 में स्थानीय लोगों ने पुलिस से शिकायत की कि दोनों भाइयों के घर से सड़े हुए मांस की गंध आ रही है। इसके बाद पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा तो नजारा हैरान करने वाला था। उन्हें एक कमरे में दो साल के एक बच्चे का सिर बरामद हुआ, जिसे मौत के बाद
कब्रिस्तान में दफनाया गया था। साथ ही वहां एक पतीले में इंसानी मांस की करी रखी हुई थी।
सजा को लेकर अदालत कशमकश में
पाकिस्तान में अदालत का यह नजारा ठीक वैसा ही था, जैसा साल 2011 में पुलिस के छापे के दौरान था। इसके बाद पुलिस ने उन दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया और एक बार अदालत में पेश किया। अब अदालत के पास फिर से वहीं परेशानी थी कि ऐसी हरकत के लिए उन्हें क्या सजा दी जाए, क्योंकि इसे लेकर तो कानून में कोई प्रावधान ही नहीं था। बाद में मामले को पंजाब के सरगोधा में आतंकवाद निरोधक अदालत को सौंप दिया गया। इस अदालत ने फरमान अली और आरिफ अली को बच्चे की कब्र छेड़ने के साथ-साथ आतंक फैलाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया और 12-12 साल की सजा सुनाई। फिलहाल दोनों नरभक्षी भाई जेल में ही हैं।