वोटिंग कम फिर भी जीती 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटें
बांग्लादेश चुनाव आयोग के प्रवक्ता की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, विपक्ष के चुनाव में शामिल न होनेऔर पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया के बहिष्कार के चलते मतदान बेहद कम रहा। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि अभी तक की रिपोर्ट से पता चलता है कि इस बार करीब 40 फीसदी मतदान हुआ है, हालांकि यह अभी अंतिम आंकड़ा नहीं है। विपक्ष ने हसीना से चुनाव से पहले इस्तीफा देने की मांग की थी, जिसे उन्होंने मानने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद विपक्ष 48 घंटे की हड़ताल पर चला गया था। चुनाव आयोग के एक प्रवक्ता ने बताया मतगणना जारी है और हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग ने 50 प्रतिशत से अधिक सीटें जीत ली हैं।
विपक्ष ने हसीना पर लगाया देश को बर्बाद करने का आरोप
बांग्लादेश की कमान एक बार फिर से सत्ता रुढ़ दल अवामी लीग के पास जाने के बाद पहले से ही चुनाव का बहिष्कार कर रही प्रमुख विपक्षी पार्टी ने शेख हसीना पर हमला बोला है। विपक्ष ने शेख हसीना पर देश को बर्बाद करने के साथ ही चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है। विपक्ष ने हसीना सरकार पर देश में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के हनन और विपक्ष पर निर्मम कार्रवाई करने का भी आरोप लगाया है।
300 में से 299 सीटों पर शांतीपूर्ण तरीके से हुआ मतदान
चुनाव आयोग ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि एक दो जगह हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर देश के 300 में से 299 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा। एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर मतदान बाद में कराया जाएगा। खबरों के अनुसार, नरसिंगडी में एक और नारायणगंज में दो मतदान केंद्रों पर मतदान रद्द कर दिया गया। निर्वाचन आयोग ने नरसिंगडी में चुनावी धांधली के आरोपों पर उद्योग मंत्री नुरुल माजिद महमूद हुमायूं के बेटे को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
गोपालगंज सीट से एकतरफा चुनाव जीती शेख हसीना
बांग्लादेशी बीडीन्यूज24 की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गोपालगंज-3 की संसदीय सीट से एक बार फिर शानदार जीत दर्ज की है। साल 1986 से इस सीट पर यह उनकी आठवीं जीत है। हसीना को 2,49,96 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के एम निजाम उद्दीन लश्कर को महज 469 वोट ही मिल सके।
2009 से लगातार प्रधानमंत्रई हैं हसीना
बता दें कि 76 साल की शेख हसीना साल 2009 से लगातार बांग्लादेश की सत्ता पर काबीज है। इस बार, एकतरफा चुनाव में वह लगातार चौथा कार्यकाल हासिल करने वाली हैं। उनका अब तक का यह पांचवां कार्यकाल होगा। उनकी पार्टी अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादिर ने दावा किया कि लोगों ने मतदान कर बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के चुनाव बहिष्कार को खारिज कर दिया है। कादिर ने कहा, मैं उन लोगों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने 12वें राष्ट्रीय संसदीय चुनावों में मतदान करने के लिए बर्बरता, आगजनी और आतंकवाद के खौफ का मुकाबला किया।
भ्रष्टाचार के दोष में नजरबंद खालिदा जिया
वहीं, बांगलादेश की पूर्व प्रधानमंत्री 78 वर्षीय खालिदा जिया भ्रष्टाचार के दोष में नजरबंद हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बीएनपी ने 2014 के चुनावों का भी बहिष्कार किया था। इस बीच, बीएनपी ने आम चुनावों को फर्जी बताते हुए कहा कि वह मंगलवार से शांतिपूर्ण सार्वजनिक भागीदारी कार्यक्रम के माध्यम से अपने सरकार विरोधी आंदोलन को तेज करने की योजना बना रही है। वहीं, अपना वोट डालने के बाद प्रधानमंत्री हसीना ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि बीएनपी-जमात-ए-इस्लामी गठबंधन लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता।