भूकंप की वजह वहां दहशत फैल गई और लोग अपने घरों से निकल बाहर खुले में सुरक्षित स्थान पर आ गए। इस भूकंप में 92 लोगों की मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि धराशायी हुई इमारतों के मलबे में कुछ अन्य लोग हो सकते हैं।
आचे प्रांत में साल 2004 में 9.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी वजह से सूनामी की लहरें भी उठी थीं।
स्थानीय समयानुसार सुबह 5.03 बजे रयूल्यूट से 10 किलोमीटर उत्तर में यह भूकंप आया। हालांकि इसके बाद सुनामी का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में हिन्द महासागर में आई सुनामी से पूरी तरह तबाह हुए लगभग पूरे एचे प्रांत में भूकंप को महसूस किया गया।
सिगली कस्बे में लोगों में अफरातफरी मच गई और वे अपने घरों को छोड़कर समुद्र से दूर इलाकों में शरण लेने पहुंच गए।