हिंदू पुजारी की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में हिंसा
हिंदू पुजारी
चिन्मय कृष्णदास को राजद्रोह के मामले में सोमवार को गिरफ्तार किया गया। उनकी गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश के विभिन्न स्थानों, जिसमें राजधानी ढाका और चट्टोग्राम शामिल हैं, में हिंदू समुदाय के सदस्य विरोध प्रदर्शन करने लगे।
चिन्मय कृष्णदास की जमानत नामंजूर
चिन्मय कृष्णदास को मंगलवार को चट्टोग्राम की एक अदालत ने जमानत देने से मना कर दिया, जिसके बाद पुलिस और उनके रिहाई की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। इन झड़पों में सहायक सार्वजनिक अभियोजक सैफुल इस्लाम की हत्या हो गई। बांग्लादेश पुलिस ने अब तक वकील की हत्या के मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है ।पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। इन आरोपियों पर 46 लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था, जिनमें ज्यादातर सफाईकर्मी हिंदू समुदाय से थे।
तीन हिंदू मंदिरों पर हमला
इस बीच, शुक्रवार को चट्टोग्राम में तीन हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया। यह हिंसा और विरोध प्रदर्शन उस समय हुए, जब एक पूर्व इस्कॉन सदस्य को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हमला चट्टोग्राम के हरीशचंद्र मुंसेफ लेन में हुआ, जहां शांतानेश्वरी मात्री मंदिर, पास का शॉनी मंदिर और शांतानेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया गया। खबरों के अनुसार, नारे लगाते लोकई सौ लोग इन मंदिरों पर ईंटें फेंक रहे थे, जिससे शॉनी मंदिर को नुकसान हुआ और अन्य दो मंदिरों के द्वार क्षतिग्रस्त हो गए। कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रमुख अब्दुल करीम ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमलावरों ने मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा
चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर बढ़ते तनाव के बीच हुई है। बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा बढ़ने के साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पदच्युत होने के बाद नए सैन्य-समर्थित अंतरिम सरकार की आलोचना की जा रही है। इस सरकार पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को रोकने में नाकामी का आरोप है। बांग्लादेश की कुल जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी लगभग 8 प्रतिशत है, जो कुल 170 मिलियन लोगों की जनसंख्या का एक हिस्सा है।