Putin North Korea Visit से और गहरे हो रहे रूस-उत्तर कोरिया के रिश्ते
पुतिन की ये यात्रा (Putin North Korea Visit) वैश्विक राजनीति के तौर पर बेहद अहम है। वो 24 साल बाद उत्तर कोरिया पहुंचे हैं। वैश्विक राजनीति के जानकारों का कहना है कि ये यात्रा दशकों के रूस-उत्तर कोरिया संबंधों (Russia-North Korea Relations) को एक नया आयाम देंगे और ये तब हो रहा है जब दोनों ही राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय अलगाव का सामना कर रहे हैं। उत्तर कोरिया की स्टेट मीडिया KCNA के मुताबिक पुतिन और किम जोंग के ये मुलाकात दुनिया के निर्माण में तेजी लाने का एक इंजन साबित होगी।
अमेरिका हो रहा है परेशान
जानकारों का कहना है कि रूस ने अमेरिका को परेशान करने के लिए उत्तर कोरिया के साथ अपने मधुर होते संबंधों का इस्तेमाल किया है, (Putin North Korea Visit) जबकि भारी प्रतिबंध वाले उत्तर कोरिया ने रूस से राजनीतिक समर्थन और आर्थिक समर्थन और व्यापार के वादे हासिल किए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों का कहना है कि उन्हें डर है कि रूस उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों के लिए सहायता दे सकता है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्तावों ने बैन किया है। वहीं अमेरिका ने उन्होंने प्योंगयांग पर बैलिस्टिक मिसाइलें और तोपखाने के गोले उपलब्ध कराने का आरोप लगाया है जिनका उपयोग रूस ने यूक्रेन में अपने युद्ध में किया है। वहीं रूस और उत्तर कोरिया ने अपने बीच किसी भी तरह के हथियारों का लेन-देन करने से इनकार किया है।
किम जोंग ने की जोरदार तरीके से किया था पुतिन का स्वागत
किम जोंग चीन और रूस के काफी करीब हैं। उन्होंने जैसा स्वागत चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का किया था वैसा ही उन्होंने पुतिन के लिए भी किया है। पुतिन को एयरपोर्ट से किम जोंग कुमसुसन स्टेट गेस्ट हाउस तक ले गए। ये भी पढ़ें-
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व्लादिमिर पुतिन ने किम जोंग से मुलाकात में उनकी तारीफों के पुल बांध दिए। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में उत्तर कोरिया एक ऐसा देश है जो अमेरिका के आर्थिक दबाव, ब्लैकमेल और धमकियों का विरोध कर रहा है। जो उसकी मजबूती को पूरी दुनिया के सामने रखता है। पुतिन ने ये भी कहा कि रूस के नेतृत्व वाले वो देश जो पश्चिम विरोधी हैं, उसमें उत्तर कोरिया के आर्थिक विकास का एक सुनहरा मौका मिला है।
आज क्या-क्या होगा कार्यक्रम में?
रूस की इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव के हवाले से कहा है कि बुधवार 10 जून के एजेंडे में दोनों नेताओं के रूस, कोरिया और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी, साथ ही एक भव्य संगीत कार्यक्रम, राजकीय स्वागत, सम्मान गार्ड, दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर होंगे और फिर मीडिया में दोनों देशों के साथ एक साझा बयान शामिल जारी किया जाएगा। जिस पर अमेरिका समेत पूरी दुनिया की नजर रहने वाली है।
क्या होगी डील?
व्लादिमिर पुतिन और किम जोंग की मुलाकात पर रूस की तरफ से कहा गया है कि दोनों राष्ट्रों के बीच एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी संधि पर साइन होंगे। जिसमें दोनों देशों के सुरक्षा मुद्दे भी शामिल हैं। साथ ही ये भी कहा गया है कि ये समझौता किसी दूसरे देश के खिलाफ नहीं होगा बल्कि भविष्य में सहयोग की संभावनाओं का रोडमैप तैयार करेगा। इसके अलावा दोनों देशों के बीच हथियारों को लेकर भी डील हो सकती है क्योंकि यूक्रेन से युद्ध को लेकर रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लग चुके हैं और रूस के पास हथियार बहुत कम बचे हैं ऐसे में किम जोंग पुतिन को हथियार उपलब्ध करा सकते हैं।