सबसे बड़ा शरणार्थी संकट
सन 2024 तक, रूसी सेना यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के लगभग 20% हिस्से पर कब्ज़ा कर रही है। वहीं 41 मिलियन की आबादी में से, लगभग 8 मिलियन यूक्रेनियन आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए थे और अप्रैल 2023 तक 8.2 मिलियन से अधिक लोग देश छोड़कर भाग गए थे , जिससे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा हो गया था।
लगातार भारी
रूस-यूक्रेन युद्ध में इस महीने यूक्रेन रूस पर लगातार भारी पड़ता जा रहा है। यूक्रेन की सेना ने रूस के के कुर्स्क क्षेत्र में एक अन्य इलाके पर कब्जे का दावा करके क्रेमलिने के खेमे में खलबली मचा दी है। अगर यूक्रेन का यह दावा सच है तो यह रूस के राष्ट्रपति पुतिन के लिए लगातार दूसरा बड़ा झटका है।
पुतिन ने भी नहीं सोची होगी
इससे रूसी सेना का मनोबल और टूटेगा। दो हफ्ते में लगातार हुए इस दूसरे बड़े उलटफेर ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। कुछ महीने पहले तक हथियारों की कमी से रूस के आगे लगभग घुटने टेक चुका यूक्रेन इस तरह से जबरदस्त वापसी करेगा, यह बात शायद पुतिन ( Putin) ने भी नहीं सोची होगी।
यूक्रेनी सेना लगातार रूस पर आक्रामक
अब यूक्रेनी सेना लगातार रूस पर आक्रामक हो रही है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर ज़ेलेंस्की ने दो सप्ताह से अधिक समय पहले अपनी सेना के रूसी इलाके में प्रवेश करने के बाद से सीमावर्ती क्षेत्र की अपनी पहली यात्रा की है। इस दौरान उन्होंने पूर्वोत्तर यूक्रेनी क्षेत्र सुमी का दौरा किया। यूक्रेन के सैन्य कमांडर के साथ एक बैठक के दौरान ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेनी बलों ने रूसी क्षेत्र कुर्स्क में एक और बस्ती पर नियंत्रण का दावा किया है तथा रूस के और अधिक सैनिकों को बंदी बना लिया है। रूसी सैनिकों को बंदी बनाने का दावा
राष्ट्रपति जेलेंस्की ( Zelensky) ने भारी संख्या में रूसी सैनिकों को बंदी बनाने का दावा भी किया है। उन्होंने कहा कि बंदी बनाए गए रूसी सैनिकों को रूस की ओर से पकड़े गए यूक्रेनी सैनिकों की रिहाई के बदले छोड़ा जा सकता है। कुर्स्क में यूक्रेनी सैनिकों को यह बढ़त ऐसे समय मिली है जब यूक्रेन अपने पूर्वी क्षेत्र डोनेट्स्क में रूस से लगातार हार रहा है।
मेझोव गांव पर नियंत्रण का दावा
रूसी रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि उसकी सेना ने यूक्रेन के मेझोव गांव पर नियंत्रण का दावा किया है। यूक्रेन ने यह दावा पीएम मोदी यूक्रेन के दौरे पर पहुंचने से पहले किया। ऐसा माना जा रहा है कि भारत के प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) की पहले रूस और उसके बाद यूक्रेन की यात्रा से दोनों देशों के बीच जंग रोकने में कुछ मदद मिल सकती है। पूरी दुनिया मोदी की ओर देख रही है।