scriptRussia-Ukraine War: अपने गूंधे आटे के बिस्किट खा रहे हैं पुतिन,जानिए कैसे? | Russia-Ukraine War Putin eating biscuits made from his own dough nri analysis | Patrika News
विदेश

Russia-Ukraine War: अपने गूंधे आटे के बिस्किट खा रहे हैं पुतिन,जानिए कैसे?

Russia-Ukraine War: रूस यूक्रेन युद्ध के ताजा हालात पर पेश है राजस्थान के अलवर के प्रवासी भारतीय लेखक रामा तक्षक (Rama Takshak) का विश्लेषण सीधे नीदरलैंड से : ऐसा नजारा पूरे रास्ते रूस के मिलिट्री के तहस नहस ट्रक, टैंक और जीप दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को चौथे दिन यूक्रेन की सेना रूस की […]

नई दिल्लीAug 11, 2024 / 12:14 pm

M I Zahir

Russia Ukraine War Analysis

Russia Ukraine War Analysis

Russia-Ukraine War: रूस यूक्रेन युद्ध के ताजा हालात पर पेश है राजस्थान के अलवर के प्रवासी भारतीय लेखक रामा तक्षक (Rama Takshak) का विश्लेषण सीधे नीदरलैंड से :

ऐसा नजारा

पूरे रास्ते रूस के मिलिट्री के तहस नहस ट्रक, टैंक और जीप दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को चौथे दिन यूक्रेन की सेना रूस की सीमा में तीस किलोमीटर भीतर चली गई और लगभग 350 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इस सैनिक कार्रवाई में यूक्रेन की दो ब्रिगेड शामिल हैं। यानि हजारों की संख्या में यूक्रेन के सैनिकों ने रूस की सीमा में कुर्स्क क्षेत्र के भीतर पहुंच बना ली है।

आकस्मिक कार्रवाई

यूक्रेन ( Ukraine) की सीमा से लगते तीन क्षेत्रों कुर्स्क, बेलगोरोद और ब्रयांस्क में शनिवार को ‘एन्टी टेररिज्म मीजर्स’ लागू कर दिया गया है। रूस ने टैंक, आर्टिलरी, रॉकेटस और अतिरिक्त सैनिकों को इन तीनों क्षेत्रों में तुरंत भेजने की कार्रवाई की है। रूस की एफएसबी के अधिकारी एलेक्जेंडर बोर्तनिकोव ने कहा कि ऐसा यूक्रेन की ओर से इन क्षेत्रों की शांति भंग करने की आकस्मिक कार्रवाई के जवाब में ऐसा किया जा रहा है।

रूस की सीमा में कब्जा

यूक्रेन की सेना का इस स्तर पर, यह आकस्मिक साहस 24 फरवरी 2022 को रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पहली बार देखा जा रहा है। रूस की ओर से दोनेत्स्क पर हमले से ध्यान भटकाना भी हो सकता है। यूक्रेन की सेना ने रूस की सीमा में कब्जा जमा लिया तो रूस को समझौते के लिए घुटनों पर लाने के लिए काम देगा।

यह स्थिति यूक्रेन में नहीं

इस क्षेत्र में सुद्जा कस्बे के पास गैस पाइपलाइन का ट्रांजिट स्टेशन है। यहीं से सभी यूरोपीयन देशों को गैस सप्लाई की जाती है। रूस का सबसे पुराना परमाणु रिएक्टर भी यहीं है। पुतिन ने इसे शुरुआत में केवल ‘उकसावा’ कहा है। रूसी मीडिया इसे ‘आतंक’ की संज्ञा दी है। इस क्षेत्र में इमरजेंसी लगा दी गई है। रेल सेवाएं ठप कर दी हैं। वहीं नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। यह स्थिति यूक्रेन में नहीं, रूस में है।

मिसाइल से हमला

हाँ, रूस के सुपरमार्केट व पोस्ट ऑफिस पर मिसाइल से हमला किया गया है, जिससे चौदह लोग मारे गये हैं। रूस ने पिछले लगभग ढाई बरस में यूक्रेन में ऊर्जा संकट पैदा करने के लिए अनगिनत हवाई हमले किये हैं। साथ ही यूक्रेन सिनेमा घर, अस्पताल, म्यूजियम, रेलवे स्टेशन, बंदरगाहों व वेयरहाउस आदि पर भी बहुत हमले किए हैं। पुतिन ने इस युद्ध को ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ कह कर शुरुआत की थी। यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन के सैनिकों ने रूस के कई जहाज व पनडुब्बी भी समुद्र में डूबा दी है। लाखों सैनिक मारे जा चुके हैं।

अमेरिका व पश्चिमी देशों का हाथ

पुतिन ( Putin) की पिछली बातों से तो तय है कि रूस का शासक पिछली सदी के सोवियत संघ के विस्तारवाद के एक सपने में आज भी जी रहा है। पुुतिन का कहना है कि यूक्रेन स्वतंत्र देश नहीं है। यूक्रेन सोवियत रूस का ही हिस्सा है। पुतिन के शब्दों में “सोवियत संघ का विघटन एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक भूल थी। यूक्रेन में वर्तमान में नाजीवादी सत्ता है।

यूक्रेन को रूस के खिलाफ उकसा रहे

इस सत्ता के पीछे अमेरिका व पश्चिमी देशों का हाथ है, जो यूक्रेन को रूस के खिलाफ उकसा रहे हैं। यूक्रेन की नाजीवादी सत्ता को उखाड़ फेंक, नाजी सोच के कारण त्रस्त व पीड़ित यूक्रेन की जनता को मुक्त करवाना आवश्यक है।” इन शब्दों के साथ ही पुतिन ने मिंस्क पैक्ट को भी फाड़ कर फेंक दिया था।
यूक्रेन देश बहुत युवा प्रजातंत्र है। यूक्रेन 1991 में सोवियत संघ के विघटन पर स्वतंत्र देश बना था। आकार की दृष्टि से यूक्रेन फ्रांस और जर्मनी से भी बड़े भू भाग में बसा है।

जखीरा कोई खैरात नहीं

सोवियत संघ से स्वतंत्र होते समय यूक्रेन को तीन हजार परमाणु बमों का जखीरा मिला था। यूक्रेन में सोवियत संघ की सेना का बहुत बड़ा अड्डा था। यह जखीरा कोई खैरात नहीं थी, बल्कि ये परमाणु हथियार यूक्रेन में ही थे। इन परमाणु हथियारों की क्षमता को 1991 के अनुसार आँक कर देखें तो यूक्रेन उस समय दुनिया का तीसरा सबसे ताकतवर देश था। सन 1994 में कॉमनवैल्थ ने यूक्रेन के समक्ष एन पी टी ( नॉन प्रालिफरेशन ऑफ न्यूक्लियर वैपन ट्रीटी ) में शामिल होने के लिए प्रस्ताव रखा, जिसे बुडापेस्ट मेमोरेण्डम के नाम से जाना जाता है।

सुरक्षा की दृष्टि से आश्वस्त किया

इस प्रस्ताव पर यूक्रेन सहमत हो गया था। इस सहमति का अर्थ था कि यूक्रेन अपने सभी परमाणु हथियारों को नष्ट करेगा। इन परमाणु हथियारों को नष्ट करने के बदले में यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी दी गई थी। इस गारंटी पर रूस सहित इंग्लैंड, अमेरिका और यूक्रेन ने 5 दिसम्बर 1994 को हस्ताक्षर किये थे। इस समझौते के अनुसार नए स्वतंत्र देश यूक्रेन को सुरक्षा की दृष्टि से आश्वस्त किया गया।

वो कुचल देंगे

इसी शुक्रवार को एक पत्रकार ने पुतिन से यूक्रेन के सैनिकों की रूस में उपस्थिति पर, आज की स्थिति पर सवाल पूछा तो पुतिन को एं एं कहते हुए सुना गया। वे इस इस स्थिति पर संतोषजनक जवाब न दे पाये। उन्होंने इतना अवश्य कहा यह ‘बहुत बड़ा उकसावा’ है। रूसी सेना के मुख्य अधिकारी ने कहा है कि हम इसे कुचल देंगे।

पुतिन के ​बिस्किट

ऐसे में प्रश्न यह है कि क्या यूक्रेन की सेना रूस की सीमा में बनी रह पाएगी ? यूक्रेन द्वारा रूस की सीमा में घुस आने पर, पुतिन को निस्संदेह रूसी जनता का समर्थन मिलेगा। रूस की सेना यूक्रेन की सैनिक क्षमताओं की तुलना में बहुत बड़ी है। यह युद्ध कितने समय और जारी रहता है और ऊंट कितनी करवटें बदलता है ? अब देखना यह है कि पुतिन अपने गूंधे हुए आटे के बिस्किट कब तक चबाता है।

रामा तक्षक : एक नजर


प्रवासी भारतीय साहित्यकार और patrika.com के लिए नियमित रूप से लिखने वाले कलमकार रामा तक्षक नीदरलैंड में रहते हैं। उनका जन्म राजस्थान के अलवर जिले में एक छोटे से गांव जाट बहरोड के सामान्य परिवार में 8 दिसंबर 1962 को हुआ। वे अब तक लगभग तीस देशों की यात्रा कर चुके हैं। उनके आलेख भारत की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। उन्होंने सप 1983 में, छात्र जीवन में ही तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन, दिल्ली में भी भाग लिया था। उन्हें भारत की विभिन्न भाषाओं के साथ-साथ, इटालियन और डच भाषा का भी अच्छा ज्ञान है।

Hindi News/ world / Russia-Ukraine War: अपने गूंधे आटे के बिस्किट खा रहे हैं पुतिन,जानिए कैसे?

ट्रेंडिंग वीडियो