किस वजह से शुरू हुआ था युद्ध?
यूक्रेन और रूस की बॉर्डर एक-दूसरे से लगती है। ऐसे में यूक्रेन को काफी समय से रूस से खतरा महसूस होता था। इसी वजह से यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता था और रूस इसके खिलाफ था। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन पर कब्ज़ा करने का प्लान बनाया और पुतिन के आदेश पर रूस की सेना ने यूक्रेन को घेरते हुए हमला कर दिया था।
यूक्रेन में मची भारी तबाही
इस युद्ध के चलते अब तक यूक्रेन में भारी तबाही मच चुकी है। कई शहरों में घर और इमारतें तबाह हो गए हैं। यूक्रेन में लगभग हर जगह तबाही का मंज़र दिखता है। युद्ध शुरू होने से अब तक रूस ने कई बार यूक्रेन पर मिसाइलों, ड्रोन्स, बम और गोलियों से भीषण हमले किए हैं और इन हमलों में यूक्रेन को काफी नुकसान हुआ है।
कितने लोगों ने छोड़ा देश?
रूस के युद्ध छेड़ने की वजह से अब तक करीब 1.4 करोड़ लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं। करीब 37 लाख लोग इस युद्ध की वजह से यूक्रेन में विस्थापित हो गए हैं। पर करीब 45 लाख लोग वापस भी लौटे हैं। इनमें बाहर से आए लोगों के साथ ही देश में ही विस्थापित हुए लोगों की वापसी भी शामिल है। करीब 65 लाख लोग जिन्होंने यूक्रेन छोड़ा था, अभी भी दूसरे देशों में शरणार्थियों की तरह रह रहे हैं।
इंटरनेशनल सपोर्ट की वजह से संभला यूक्रेन
जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था, तब लग रहा था कि कुछ दिन में ही यह युद्ध खत्म हो जाएगा। पर यूक्रेन को लगातार इंटरनेशनल सपोर्ट मिला, जिसमें अमेरिका (United States Of America) की भूमिका सबसे ज़्यादा रही। इस वजह से यूक्रेन युद्ध में संभल गया और अभी भी डटकर रूस का सामना कर रहा है। यूक्रेन की सेनाओं ने रूस की सेनाओं को कई जगहों से खदेड़ भी दिया है और उनके कब्ज़े से अपने इलाकों को आज़ाद कराया।
सिर्फ यूक्रेन पर ही नहीं, रूस पर भी हुआ युद्ध का असर
इस युद्ध में सिर्फ यूक्रेन को ही नहीं, बल्कि रूस को भी नुकसान हुआ है। दोनों देशों की सेनाओं के कई सैनिकों ने अपनी जान गंवाई हैं और घायल भी हुए हैं, पर इसके अलावा भी कम नुकसान नहीं हुआ है। जिस यूक्रेन के बारे में युद्ध की शुरुआत में किसी को भी नहीं लग रहा था कि वो ज़्यादा समय तक टिक पाएगा, अभी भी युद्ध में टिका हुआ है। इससे यूक्रेन के सैनिकों का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। वहीं रूस के सैनिकों का आत्मविश्वास गिरा है। लंबे समय तक युद्ध के मैदान पर बने रहने से उनके आत्मविश्वास में गिरावट आई है। वैगनर ग्रुप की बगावत से भी रूस को नुकसान हुआ है। युद्ध की वजह से रूस में पुतिन का विरोध बढ़ा है और उनकी लोकप्रियता कम हुई है। कई बड़ी कंपनियों ने रूस से अपना बिज़नेस खत्म कर लिया है। युद्ध की वजह से दुनिया के कई देशों ने भी रूस से किनारा कर लिया है और रूस पर कई प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। युद्ध में भारी खर्चे की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था में ग्रोथ को भी झटका लगा है। यूक्रेन में भी इतनी तबाही मची है जिसे सही करने में काफी समय और काफी खर्चा लगेगा। साथ ही यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को भी इस युद्ध की वजह से काफी नुकसान हुआ है।
कई लोगों की हुई मौत, कई हुए घायल और कई लापता
युद्ध की शुरुआत से अब तक यूक्रेन में 11,000 से ज़्यादा नागरिकों की मौत हो चुकी है। करीब 20,000 नागरिक घायल हुए हैं और करीब 11,000 लोग लापता हो गए हैं। वहीं मरने और घायल होने वाले यूक्रेनी सैनिकों की संख्या करीब 3,60,000 है। इनमें घायल होने वाले सैनिकों की संख्या ज़्यादा है। वहीं इस युद्ध में मरने और घायल होने वाले रूसी सैनिकों की संख्या भी करीब 3,30,000 है। इनमें घायल होने वाले सैनिकों की संख्या ज़्यादा है।