क्या है मामला?
दरअसल भारत की मोदी सरकार देश में शिक्षा योजना- समाज में सभी के लिए शिक्षा की समझ-उल्लास चला रही है। जिसे ग्रामीण क्षेत्रों समेत कई वर्ग के लोगों को फायदा मिल रहा है। अब एशियाई विकास बैंक ने पाकिस्तान को भी यही एजुकेशन सिस्टम अपनाने की सलाह दी है। बता दें कि कंगाली में डूबे पाकिस्तान ने अपने एजुकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए एशियाई विकास बैंक से फंड मांगा है। जिस पर बैंक ने पाकिस्तान को अपनी शिक्षा के मॉडल को भारत के मॉडल से बदलने की सलाह दे डाली है। जिससे पाकिस्तान की शिक्षा में थोड़़ा सुधार आए। पाकिस्तान के केंद्रीय शिक्षा सचिव ने ADB से मदद मांगी थी। इधर सचिव की मांग पर बैंक ने ही कह दिया कि भारत सरकार की उल्लास जैसी योजना पाकिस्तान के लिए और इसके प्रांतों के लिए काफी सहयोग दे सकती है।
क्या है उल्लास योजना?
उल्लास योजना, भारत सरकार की शिक्षा पर आधारित योजना है। जिसका मकसद देश के हर शख्स को साक्षर बनाना है। ये योजना 2022-2027 के लिए लागू की गई है। इसके तहत 15 साल से ज़्यादा उम्र के असाक्षर लोगों को प्राथमिक शिक्षा दी जाती है। ये ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम में चलती है। इस योजना को स्वैच्छिक सेवा के तौर पर चलाया जाता है। इस योजना के तहत, शिक्षार्थियों और वीटी की पहचान की जाती है और उन्हें उल्लास मोबाइल ऐप पर रजिस्टर किया जाता है। इसके अलावा पढ़ाई के सभी सामग्री और संसाधन रजिस्टर्ड स्वयंसेवकों के लिए डिजिटल तरीके से उपलब्ध कराए जाते हैं।