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मोदी ने 34 बरस पहले ही माइक्रो कंप्यूटर में दिलचस्पी दिखाई थी, जानें तब की अमेरिका यात्रा की कहानी

PM Modi Us Visit : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान उनका एक नया रूप उभर कर सामने आया।

नई दिल्लीSep 22, 2024 / 08:32 pm

M I Zahir

PM Modi US Visit

PM Modi and US President Joe Biden

PM Modi Us Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे (USA visit)पर हैं। इस मौके पर 1990 के दशक में उनकी शुरुआती अमेरिकी यात्राओं पर नजर डालना दिचलस्प होगा। इस दौरान वे एक सामान्य भाजपा कार्यकर्ता थे, लेकिन उनके विराट व्यक्तित्व की झलक इन कम चर्चित यात्राओं में भी उनके साथ मौजूद लोगों ने स्पष्ट रूप से देखी। नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) ने 1993 में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की ओर से वाशिंगटन डीसी में आयोजित स्वामी विवेकानंद शताब्दी समारोह में भाग लिया था। यह आयोजन स्वामी विवेकानंद की ओर से 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में दिए गए ऐतिहासिक भाषण के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।

एक बड़े हॉल में युवा सम्मेलन का आयोजन

नरेंद्र मोदी के साथ में मौजूद रहे आरएसएस प्रचारक हसमुख पटेल, इस आयोजन को याद करते हुए कहते हैं, “इस कार्यक्रम में उनकी भागीदारी स्वामी विवेकानंद के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और विदेशों में बसे भारतीय समुदाय के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण थी।” अमेरिका में रहने वाले एनआरआई ( NRI News) पटेल के मुताबिक, “एक युवा प्रचारक और कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने एक बड़े हॉल में युवा सम्मेलन का आयोजन किया और एक भव्य मार्च भी निकाला।”

कार्यक्रम में लगभग 15,000 से 20,000 लोगों ने भाग लिया

पटेल के अनुसार, इस कार्यक्रम में लगभग 15,000 से 20,000 लोगों ने भाग लिया। नरेंद्र मोदी की युवाओं को संगठित और प्रेरित करने की क्षमता के कारण इस आयोजन का स्थायी प्रभाव पड़ा। नरेंद्र मोदी का दूरदर्शी दृष्टिकोण और टेक्नोलॉजी की ताकत में उनका विश्वास 1990 के दशक में अमेरिका की उनकी यात्राओं के दौरान भी जाहिर होता था। नरेंद्र मोदी सन 1997 में अटलांटा में रहने वाले एनआरआई बिजनेसमैन गोकुल कुन्नाथ के घर पर ठहरे थे। वह एक किस्से का जिक्र करते हैं जब उन्होंने मोदी से पूछा था कि वह अमेरिका से क्या खरीदना चाहते हैं? इस पर मोदी ने एक माइक्रो कंप्यूटर खरीदने की इच्छा जाहिर की थी।

भारत के लोगों की सेवा करने का एक मिशनरी उत्साह

कुन्नाथ के मुताबिक, ‘वह एक ऐसा माइक्रो कंप्यूटर खरीदना चाहते थे जिसमें लगभग तीन से चार हजार लोगों के नाम, फोन नंबर और पता संग्रहित हो सकें।” कुन्नाथ कहते हैं, “वह तब भी अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे थे, जो उनका अद्वितीय व्यक्तित्व दर्शाता है। उनके पास हमेशा एक दृष्टि थी। उनमें इस दृष्टि को वैध लक्ष्य तक पहुंचाने और भारत के लोगों की सेवा करने का एक मिशनरी उत्साह था।” नरेंद्र मोदी का टेक्नोलॉजी (technology) पर ध्यान उनकी इस समझ दर्शाता है कि राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक कार्यों के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहिए। भारत में शासन और प्रशासन में टेक्नोलॉजी के बढ़ते चलन के पीछे उनकी यही दूरदृष्टि काम कर रही है।

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