प्रधानमंत्री मोदी ने इन सभी से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर और बायोटेक्नोलॉजी के अत्याधुनिक क्षेत्रों में अमेरिका और भारत के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की। PM मोदी ने भारत में तेजी से हो रहे आर्थिक और तकनीकी बदलाव की ओर इशारा करते हुए भाग लेने वाली कंपनियों को भारत में सह-विकास, सह-डिजाइन और सह-उत्पादन के अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया।
बैठक में किस पर हुई बात
टेक जेम के साथ हुई पीएम मोदी की इस राउंड टेब मीटिंग में भारत के स्टार्टअप्स में निवेश के अवसरों की भी तलाश के बारे में बात की गई। स्टार्टअप्स को अमेरिकी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश करने और नई प्रौद्योगिकियों और समाधान बनाने में योगदान करने के लिए एक मंच तैयार करने को कहा गया।
Nvidia भारत में AI का करेगा विस्तार
दिग्गज टेक कंपनी Nvidia के CEO जेन्सेन हुआंग ने प्रधानमंत्री मोदी के तकनीकी संचालित दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई बैठकें की हैं, लेकिन वो ऐसी शख्सियत के इंसान है कि जब वो उन्हें देखते और सुनते हैं तो ऐसा लगता है कि वो प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में सीखना चाहता हैं और उससे देश को लैस करना चाहते हैं। भारत दुनिया के महान कंप्यूटर वैज्ञानिकों का भी घर है। वो इसे संभव बनाने के लिए भारत के साथ बहुत गहराई से साझेदारी करने की उम्मीद कर रहे हैं।
क्या बोले Google के सुंदर पिचाई
इस राउंडटेबल बातचीत के बाद, Google के सीईओ सुंदर पिचाई ने मोदी के डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण की सराहना की और Google के पिक्सेल फोन सहित भारत में विनिर्माण और डिजाइनिंग जारी रखने के लिए पीएम के बात को नोट किया। पिचाई ने कहा कि पीएम मोदी का मानना है कि AI स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और खेती जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को बदल सकता है। उन्हें भारत के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। वो भारत में AI में मजबूती से निवेश कर रहे हैं, और अधिक करने की उम्मीद करते हैं, अब वो भारत में AI विस्तार और निवेश की योजना बना रहे हैं।
क्या है भारत के लिए PM मोदी की प्लानिंग
दरअसल भारत को लेकर पीएम मोदी का प्लान ये है कि वो अमेरिका, ताइवान और दक्षिण कोरिया की तरह एक चिप प्रोडक्शन हाउस के तौर पर उभर कर दुनिया के सामने आए। इसी के लिए वो दुनिया के इन देशों की कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित कर रहे हैं। इसी को लेकर भारत ने बीते दिन हुई अमेरिका के साथ बैठक में सेमीकंडक्टर्स को लेकर समझौता किया है। वहीं भारत ने ताइवान के साथ भी साझेदारी की है। जिसमें टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के 11 बिलियन डॉलर के फैब्रिकेशन प्लांट, चिप असेंबली प्लांट को मंजूरी मिली है। इस मेगाडील में भारत की टाटा, अमेरिका की माइक्रोन टेक्नोलॉजी, जापान की रेनेसास कंपनी शामिल है।