इस्लामाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा 15 साल के लिए आउटसोर्स
हाल ही में पाकिस्तान के एविएशन मंत्री ख्वाजा साद रफीक ने जानकारी देते हुए बताया कि इस्लामाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट को 15 साल के लिए आउटसोर्स किया जाएगा। एयरपोर्ट की परिचालन गतिविधियों में सुधार के लिए इसे प्राइवेट हाथों में सौंप दिया जाएगा। इसके लिए एयरपोर्ट की बोली लगेगी और जो कंपनी सबसे ऊंची बोली लगाएगी, 15 साल के लिए इस्लामाबाद इंटरनेशल एयरपोर्ट की परिचालन गतिविधियों को संभालने का ज़िम्मा उसे ही सौंप दिया जाएगा। इससे इस्लामाबाद इंटरनेशल एयरपोर्ट के लिए पैसा एयरपोर्ट प्रशासन नहीं, सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी देगी और एयरपोर्ट की आउटसोर्सिंग होगी। ऐसा 15 साल के लिए होगा।
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क्या है इस्लामाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आउटसोर्स की वजह? पाकिस्तान के एविएशन मंत्री रफीक ने बताया कि पाकिस्तान में इस समय आर्थिक तंगी की बड़ी समस्या है। ऐसे में इस्लामाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन को बढ़ाने के लिए कुशल ऑपरेटरों की ज़रूरत है और इसी वजह से इसे आउटसोर्स किया जा रहा है। हालांकि रफीक ने यह भी साफ कर दिया कि एयरपोर्ट का प्राइवेटाइज़ेशन नहीं किया जा रहा है, बस संचालन बढ़ाने के लिए 15 साल के लिए इसे आउटसोर्स किया जा रहा है।
क्या नहीं होगा शामिल?
रफीक ने यह भी साफ कर दिया कि आउटसोर्सिंग की इस प्रोसेस में क्या शामिल नहीं होगा। इस प्रोसेस में एयरपोर्ट के रनवे और नेविगेशन संचालन को शामिल नहीं किया जाएगा।