जो भी हो पाकिस्तान के चुनाव दो मायनों में ऐतिहासिक हैं। जिस पाकिस्तान में आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका, वहां लगातार तीसरी बार बिना लोकतांत्रिक मतदान के जरिए नागरिक सरकार बनने जा रही है। यह लोकतंत्र की एक सांकेतिक जीत कही जा सकती है। दूसरा यह कि पर्दे के पीछे नवाज के साथ खड़ी पाकिस्तानी सेना को इसके पहले कभी किसी पार्टी को सत्ता में आने से रोकने के लिए इतने व्यापक प्रयास नहीं करने पड़े, जितने 2024 में करने पड़ रहे हैं।
नई पीढ़ी के समर्थन से लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों पर सवार जेल में बंद इमरान खान को रोकने के लिए पाकिस्तान में सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इमरान की पार्टी पीटीआइ को उनके लोकप्रिय चुनाव चिह्न बल्ले से वंचित कर दिया गया है और अब पार्टी के सभी उम्मीदवारों को अलग चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ना पड़ रहा। इससे पीटीआइ के सामने एक बड़ी चुनौती यही हो गई है कि वह मतदाताओं को ये बता सके कि पार्टी का असली उम्मीदवार कौन है और उसका चुनाव चिह्न क्या है। इसके लिए एक एप बनाया गया है। इस एप के जरिए मतदाता यह पता लगा सकता है कि किसी खास सीट से पीटीआइ का कौन सा उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है।
टेलिविजन की स्क्रीन से लगभग गायब हो चुके इमरान खान अपने मतदाताओं को संबोधित कर सकें, इसके लिए पीटीआइ समर्थक एआइ जनित आवाज का सहारा ले रहे हैं। यह अपने आप में एक नई पहल है। लेकिन यहां भी, देखा जा रहा है कि जब भी पीटीआइ नेता वर्चुअल रैली करते हैं, वहां इंटरनेट बाधित हो जाता है।
पार्टी का चुनाव चिह्न गंवा चुकी पीटीआइ अब उन 70 सीटों में से किसी पर चुनाव नहीं लड़ पा रही है, जो कि महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित होती हैं। यह सीटें 5 फीसदी वोट वाली राष्ट्रीय पार्टियों के बीच आवंटित की जाती हैं।
सिर्फ इमरान खान की पार्टी पीटीआई नहीं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो भी नवाज शरीफ पर धांधली का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लोगों से डरते हैं। इसलिए चुनाव में धांधली की कोशिश कर रहे हैं। बिलावल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के रूप में चौथे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे नवाज शरीफ उनके साथ बहस करने से डरते हैं। बिलावल ने पूर्व प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएमएल-एन ने सिंध में एक भी रैली का आयोजन नहीं किया।
पाकिस्तान की राजनीति के दो अहम खानदान पाकिस्तान की राजनीति में लंबे समय से दो परिवारों का वर्चस्व बना हुआ है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो और पाकिस्तान मुस्लिम लीग – नवाज शरीफ पाकिस्तान के दो राजनीतिक परिवारों का प्रतिनिधत्व करते हैं। भुट्टो पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे हैं। वहीं नवाज शरीफ का पूरा परिवार ही राजनीति में है। भाई शहबाज शरीफ के अलावा अब शरीफ की बेटी मरियम नवाज भी राजनीति की कमान संभाल चुकी हैं। यह सभी लोग फिर से मैदान में हैं, जिनका मुकाबला मुख्य रूप से इमरान खान की पार्टी पीटीआई से है।