आरुषि शर्मा के नाम से पाकिस्तानी एजेंट ने भारतीय शख्स को फंसाया
हाल ही में हनी ट्रैप का एक मामला सामने आया है पर बात पिछले अक्टूबर की है। भक्तबंशी झा नाम का शख्श है और और वह दिल्ली की एक इंटरनेशनल कोरियर कंपनी में काम करता था। फेसबुक पर भक्तबंशी की मुलाकात एक भारतीय मूल की लड़की आरुषि शर्मा से हुई और दोनों ने फेसबुक पर बात करना शुरू कर दिया। कुछ ही समय में भक्तबंशी आरुषि के जाल में फंस गया। दोनों ने वॉट्सऐप पर भी बात करना शुरू कर दिया। पर उसे पता नहीं था कि आरुषि असल में एक पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव का एजेंट था जो लड़की बनकर भक्तबंशी से बात कर रहा था।
धोखे से निकलवाई खुफिया सूचनाएं
आरुषि बनकर पाकिस्तानी एजेंट ने भक्तबंशी से धोखे से खुफिया सूचनाएं भी निकलवाई। उसने अपनी बहन को पत्रकार बताया और उसके लिए जानकारी मांगी। भक्तबंशी उसकी बात में आ गया और उसके कहने पर ‘नेट कैमरा’ ऐप इंस्टॉल कर लिया। इस ऐप के ज़रिए भक्तबंशी ने दिल्ली में सैन्य ठिकानों की कई तस्वीरें क्लिक की और पाकिस्तानी एजेंट, जिसे वह आरुषि समझ रहा था, के साथ शेयर की। जब भक्तबंशी का कोलकाता ट्रांसफर हो गया तब उसने पाकिस्तानी एजेंट के लिए एक भारतीय सिम का भी इंतज़ाम किया।
कोलकाता स्पेशल टास्क फोर्स ने किया गिरफ्तार
भक्तबंशी को हाल ही में कोलकाता स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को भक्तबंशी से पूछताछ के लिए उसे कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स ऑफिस में बुलाया गया था। पूछताछ के दौरान भक्तबंशी के के मोबाइल फोन से वो सभी फोटो, वीडियो और ऑनलाइन चैट मिली जो उसने पाकिस्तानी एजेंट के साथ शेयर की थी। इसी के बाद भक्तबंशी को भारतीय आधिकारिक गुप्त सूचना अधिनियम और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया और उसे 26 अगस्त को ही कोलकाता की एक अदालत में पेश किया जाएगा।
आगे की जांच हुई शुरू
भक्तबंशी की गिरफ्तारी के बाद आगे की जांच शुरू कर दी गई है। कोलकाता स्पेशल टास्क फोर्स के साथ ही अन्य एजेंसियों ने भक्तबंशी की हरकतों से देश को हुए नुकसान की जांच शुरू कर दी है। इस केस में भक्तबंशी के पकड़े जाने से आगे ऐसे केसों को रोकने में आसानी मिलेगी।