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इस ड्रग तस्कर का नाम डेयरो एंटोनियो उसागा है, मगर यह चर्चित ओटोनिएल के नाम से है। इसका सुराग देने के लिए कोलंबिया सरकार ने 8 लाख डॉलर यानी लगभग 6 करोड़ रुपये का इनाम रखा हुआ था। वहीं, अमरीका ने उस पर इससे भी करीब 6 गुना अधिक 50 लाख डॉलर यानी लगभग साढ़े 37 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था।
ओटोनिएल को आर्मी, एयरफोर्स और पुलिस के एक संयुक्त अभियान में पकड़ा गया। उसकी गिरफ्तारी का ऐलान कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान डूके ने खुद किया।
उन्होंने टीवी पर इसे एक बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा, हमारे देश में ड्रग्स तस्करी के विरुद्ध ये इस सदी में किया गया अब तक की सबसे बड़ी चोट है। उन्होंने कहा कि यह कोलंबिया के सैन्य इतिहास में किसी जंगल में चलाया गया सबसे बड़ा अभियान था।
ओटोनिएल को पश्चिम-उत्तर कोलंबिया में पनामा से लगी सीमा के पास ऐंटिओकिया प्रांत में स्थित एक ग्रामीण क्षेत्र में उसके भूमिगत ठिकाने से पकड़ा गया। इस अभियान में 500 सैनिक शामिल हुए जिन्हें 22 हेलिकॉप्टरों से मदद दी जा रही थी। इस अभियान में एक पुलिसकर्मी की मौत भी हो गई।
तस्कर ने इन ग्रामीण क्षेत्रों में कई घरों का एक जाल सा बनाया हुआ था। यहां वह ठिकाना बदलते रहता था। उसके पास फोन नहीं था, और संपर्क के लिए वह दूसरे लोगों का इस्तेमाल करता था, जो संदेश पहुंचाने का काम करते थे।
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पुलिस प्रमुख जोर्गे वर्गास ने बताया कि 50 से ज्यादा खुफिया सिग्नल के विशेषज्ञों ने सेटेलाइट तस्वीरों की मदद से सरगना की गतिविधियों पर नजर बनाए रखी थी। इसमें अमरीका और ब्रिटेन के भी विशेषज्ञों की मदद भी ली गई। ओटोनिएल को 2009 में अमरीका में दोषी क़रार दिया गया था और इसलिए उनके प्रत्यर्पण की भी मांग हो सकती है जिसके बाद हो सकता है कि उसे न्यूयॉर्क में अदालत में पेश किया जाए।