विदेशी सहायता के लिए कोई नई योजना नहीं
आदेश में कहा गया है कि कानून की ओर से स्वीकृत अधिकतम सीमा तक विदेशी सहायता के लिए कोई नई योजना नहीं बनाई जाएगी, जब तक कि विदेश मंत्री रुबियो समीक्षा के बाद कोई निर्णय नहीं ले लेते। ऐसी आशंका है कि इसका दुनिया भर में चल रहे पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा व विकास से जुड़े कार्यक्रमों पर असर पड़ सकता है। इस फैसले से रूस के साथ युद्ध में उलझा हुआ यूक्रेन सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है। वहीं गाजा पट्टी, सीरिया और सूडान जैसे देशों में मानवीय सहायता भी प्रभावित होगी।
भारत पर नहीं पड़ेगा खास असर
अमेरिका हमें सोशल सेक्टर में 1.80 मिलियन लगभग 1450 करोड़ देता है। यह शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में आता है व कुछ एनजीओ के माध्यम से खर्च होता है। भारत को मिलने वाली यह राशि बहुत कम है, भारत खुद 2.7 अरब डॉलर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च कर रहा है। ट्रंप की नई पॉलिसी में यह बंद होने से सोशल सेक्टर पर थोड़ा ही असर होगा। -प्रो. सचिन चतुर्वेदी, डीजी, विकासशील देशों की अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली (आरईएस)
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