सितंबर में लौटेंगे धरती पर
ओलेग सितंबर में पृथ्वी पर लौटेंगे। नासा के ट्रांसलेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस हेल्थ के पूर्व चीफ इमैन्युएल उरूकिता ने कहा, ओलेग ने जो किया है, मील का पत्थर है। ऐसा करना सबके बस की बात नहीं है। उन्हें कुछ और महीने अंतरिक्ष में बिताने हैं।
तन-मन पर पड़ने वाले असर की स्टडी
इमैन्युएल उरूकिता अंतरिक्ष में अलग-अलग समय बिताने वाले एस्ट्रोनॉट्स के शरीर का अध्ययन कर रहे हैं, ताकि पांच सवालों के जवाब मिल सकें। पहला- पृथ्वी से लंबी दूरी पर रहने में संचार का कितना असर पड़ता है? दूसरा- रेडिएशन का क्या प्रभाव होता है? तीसरा- अकेले रहने से शरीर और मन पर क्या असर होता है? चौथा- ग्रैविटी का असर और पांचवां- बंद पर्यावरण में रहने का शरीर पर प्रभाव।
लौटने पर मिलेगी नई जानकारी
उरूकिता का कहना है कि ओलेग के लौटने के बाद हमें जांच करने पर कई नई बातें पता चलेंगी, क्योंकि वह सबसे ज्यादा दिन अंतरिक्ष में बिता चुके हैं। यह बात अलग कि उन्होंने यह उपलब्धि एक ही मिशन में नहीं, अलग-अलग मिशन के दौरान हासिल की। अंतरिक्ष में इतने लंबे समय रहने का असर उनके शरीर और मन पर भी पड़ा होगा।