सभी गुब्बारों को कराया गया नष्ट
JCS ने जो तस्वीरें सार्वजनिक की हैं। उनमें सड़क के किनारे कागज से भरा एक बड़ा बोरा दिखाई दे रहा है। जिसके बाद साउथ कोरिया की सेना पुलिस, सुरक्षा मंत्रालय ने तत्परता दिखाते हुए इस पर कार्रवाई की। सभी गुब्बारों को ढूंढ कर नष्ट कराया गया। साउथ कोरिया के ग्योंगगी और चुंगचेओंग प्रांत के साथ ही देश की राजधानी सियोल में भी ये गुब्बारे पाए गए थे।
किम जोंग का ‘ईमानदार उपहार’
सरकारी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने बीते बुधवार को जारी एक बयान में कहा था कि गुब्बारों को किम जोंग उन के भाई किम यो जोंग ने ‘ईमानदार उपहार’ कहा था और उन्होंने और भी गुब्बारे भेजने का वादा किया था।
आज भी युद्ध में है दोनों देश!
उन्होंने उत्तर कोरिया की इन हरकतों और उत्तर कोरिया विरोधी पर्चे वाले गुब्बारे छोड़ने की दक्षिण कोरिया की लंबे समय से चली आ रही नीति के बीच तुलना की और कहा कि उत्तर कोरिया देश में आने और जाने वाली सूचनाओं पर सख्त नियंत्रण रखता है और ये बाहरी दुनिया से लगभग कटा हुआ है। यहां तो कई देशों की किताबें और फिल्में तक पर बैन लगा हुआ है। बता दें कि सन् 1953 में युद्धविराम के साथ कोरियाई युद्ध समाप्त होने के बाद ये दोनों पड़ोसी देस एक दूसरे से कट गए थे और इतने साल बाद भी दोनों देशों के बीच दुश्मनी के अलावा कोई रिश्ता नहीं है ऐसा लगता है कि अभी भी वो युद्ध में ही है। एक तरह से, वे अभी भी युद्ध में हैं।