इसलिए मिला पुरस्कार
समिति ने कहा कि नोबल जीतने वाले वैज्ञानिकों ने भौतिकी के उपकरणों का इस्तेमाल कर ऐसे तरीके विकसित किए हैं, जो आज शक्तिशाली मशीन लर्निंग (चैटजीपीटी, एलेक्सा) की नींव हैं। हॉपफील्ड प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, जबकि हिंटन टोरंटो यूनिवर्सिटी में शोध करते हैं। पिछले साल तीन वैज्ञानिकों ऐनी एल. हुइलियर, पियरे एगोस्टिनी और फेरेनक क्राउज ने स्पिनिंग इलेक्ट्रॉनों की सुपरफास्ट दुनिया की पहली झलक प्रदान करने के लिए भौतिकी का नोबेल जीता था।
मेमोरी और विधि
जॉन हॉपफील्ड ने ऐसी मेमोरी बनाई, जो डेटा में छवियों और अन्य पैटर्न का संग्रह और पुनर्निर्माण कर सकती है। जेफ्री हिंटन ने डेटा में गुणों को स्वचालित रूप से ढूंढने वाली विधि का आविष्कार किया। इससे चित्रों में विशिष्ट तत्वों की पहचान की जा सकती है।
मिलेंगे 8.3 करोड़ रुपए नकद
जॉन हॉपफील्ड और जेफ्री हिंटन को पुरस्कार में 110 लाख स्वीडिश क्रोनर (करीब 8.3 करोड़) रुपए नकद दिए जाएंगे। पुरस्कार समारोह स्वीडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि पर 10 दिसंबर को होगा।