नामीबिया एक साल से भुखमरी और सूखे की हालत से जूझ रहा है। बारिश नहीं होने और गर्मी बढ़ने से सूखा पड़ गया। इसकी वजह से भुखमरी के हालात पैदा हो गए। यही कारण है सरकार ने अब लोगों की भूख मिटाने के लिए जंगली जानवरों को मारकर उनका मांस बांटने के आदेश दिया है।
नामीबिया के बिगड़ते हालात
नामीबिया जैसे अफ्रीकी देशों में सूखा पड़ना कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार नामीबिया 100 साल के सबसे भयानक सूखे का सामना करना पड़ रहा है। सूखा पड़ने के कारण नामीबिया के राष्ट्रपति नांगोलो बुम्बा ने इस साल 22 मई को इमरजेंसी घोषित कर दी थी।बिगड़े हालात का कारण
सिर्फ नामीबिया ही नहीं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका के और भी देश सूखे का सामना कर रहे हैं। इसकी शुरुआत पिछले साल अक्टूबर से ही हो गई थी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि गर्मी बढ़ी और बारिश कम हुई। जानकारी के मुताबिक, फरवरी में नामीबिया में सबसे ज्यादा बारिश होती है। लेकिन इस साल इस महीने में जितनी बारिश होनी थी, उसका 20% पानी भी वहां नहीं बरसा। नामीबिया का 92% इलाका बहुत ज्यादा सूखा है। बारिश न होने के कारण नामीबिया के हालात बद से बदतर हो गए और अब भुखमरी का सामना करना पढ़ रहा है।भुखमरी के तीन बड़े कारण
- क्लाइमेटः नामीबिया अफ्रीका का सबसे सूखा देश है। यहां हर साल औसतन 10 इंच से भी कम बारिश होती है। कुछ-कुछ इलाकों में 25 इंच तक भी बारिश होती है। लेकिन इस साल यहां नाममात्र की बारिश हुई है। फरवरी-मार्च में थोड़ी बारिश होने के बाद अप्रैल के बाद से यहां एक बूंद पानी नहीं बरसा है। बारिश न होने के कारण अनाज की पैदावार नहीं हो रही है। इस कारण भुखमरी के हालात बन गए।
- महंगाईः मई 2023 से मई 2024 के बीच हर महीने महंगाई दर औसतन पांच फीसदी से ऊपर रही है। खाने-पीने का सामान और तंबाकू, बिजली, गैस और पेट्रोल के दाम बढ़ने से महंगाई लगातार बढ़ रही है। पेट्रोल की कीमतें बढ़ने से फूड और नॉन-फूड आइटम्स की कीमतें बढ़ी हैं, जिससे लोगों की कमाई पर असर पड़ा है।
- बेरोजगारीः नामीबिया उन देशों में है जहां सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। अभी यहां बेरोजगारी दर 20 फीसदी के आसपास है, जबकि, 46 फीसदी युवा यहां बेरोजगार हैं। बेरोजगारी की वजह से यहां गरीबी भी काफी है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, नामीबिया में हर तीन में से एक बच्चा गरीब परिवार में जन्म लेता है। इतना ही नहीं, यहां की 44 फीसदी आबादी गरीबी में गुजारा करती है।