WEF के मंच पर क्या बोले मोहम्मद यूनुस?
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख और नोबल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने WEF यानी विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) से बांग्लादेश में चुनावों को लेकर बड़ा बयान दिया, उन्होंने कहा कि वे चुनाव कराने में दिलचस्पी नहीं रखते लेकिन बांग्लादेश के चुनाव प्रक्रिया में जरूरी सुधार करेंगे जिसके बाद चुनाव होगा। ऐसे में ये चुनाव 2025 के अंत में या 2026 के मध्य में हो सकते हैं। मोहम्मद यूनुस ने अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स से की गई बातचीत में कहा कि शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश का जो विकास दिखाया जाता था वो ‘नकली’ था। पूरी दुनिया शेख हसीना के इस भ्रष्ट शासन के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि विश्व ने उनके भ्रष्टाचार पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया।
स्विस अल्पाइन रिसॉर्ट में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक के दौरान इस बातचीत में यूनुस ने कहा कि शेख हसीना दावोस में आकर सभी को बताती थीं कि देश कैसे चलाया जाता है लेकिन किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया। पूरी दुनिया इसे संभव बनाने के लिए जिम्मेदार है। इसलिए ये दुनिया के लिए एक अच्छा सबक है।
‘भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों पर होता है दुख’
शेख हसीना के जाने के बाद हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर भारत समेत तमाम देशों ने इस पर सवाल उठाए थे और यूनुस सरकार की आलोचना की थी। बांग्लादेश में ये हालात नौकरियों में आरक्षण के मामले पर छात्र आंदोलन को लेकर बने थे। छात्र प्रदर्शनकारियों ने यूनुस को अंतरिम सरकार में मुख्य सलाहकार के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश की थी। हालांकि अब उन्होंने कहा कि उन्हें चुनाव कराने में कोई दिलचस्पी नहीं है। भारत के साथ संबंधों पर उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और भारत के बीच मजबूत व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्ते हैं। लेकिन शेख हसीना ने बांग्लादेश से भागकर भारत में शरण ली है. जिसके बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।
यूनुस ने कहा कि भारत हसीना को बांग्लादेश वापस भेज दे, ताकि उन पर लगे आरोपों का मुकदमा चलाया जा सके। भारत के साथ तनावपूर्ण संबंध उन्हें बहुत दुख पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश के संबंध मजबूत होने चाहिए। बांग्लादेश का नक्शा बनाए बिना भारत का मैप नहीं बन सकता। इतना ही नहीं यूनुस ने भारत के प्रतिद्वंद्वी चीन को बांग्लादेश का दीर्घकालिक दोस्त बताया।
बांग्लादेश के क्या हैं आर्थिक हालात
बता दें कि मोहम्मद यूनुस को गरीबों का बैंकर कहा जाता है। यूनुस को, लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद करने के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनके स्थापित ग्रामीण बैंकों ने गांव के गरीबों को 100 डॉलर से भी कम के छोटे-छोटे कर्ज दिए। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश की आबादी 170 मिलियन के आसपास है। साल 2017-18 में बांग्लादेश की वार्षिक वृद्धि दर 8% थी, जबकि 2009 में जब हसीना ने सत्ता संभाली थी, तब ये लगभग 5% थी। लेकिन कोरोना और यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते इसमें गिरावट आई। हालांकि इसके बाद भी बांग्लादेश ने रफ्तार पकड़ी और वर्ल्ड बैंक ने 2023 में इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया।