वैज्ञानिकों में अब तक यह धारणा प्रचलित थी कि अरबों साल पहले मंगल जैसा कोई विशाल ग्रह पृथ्वी से टकराने से अंतरिक्ष में फैली धूल ने जमा होकर चंद्रमा का निर्माण किया। एक नए शोध में इस धारणा को चुनौती देते हुए कहा गया कि चांद की उत्पत्ति किसी टक्कर से नहीं हुई। हालांकि शोध करने वालों के लिए यह अब भी पहेली है कि चांद की उत्पत्ति कैसे हुई।
तो कैसे हुई चांद की उत्पत्ति
स्विट्जरलैंड के फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के शोध में बताया गया कि पृथ्वी का आवरण (मेंटल) और की चांद की चट्टानें हर आइसोटोपिक रेशियो पर एक जैसी हैं। अगर कोई टक्कर हुई होती तो आइसोटोपिक रेशियो में छोटे-छोटे अंतर मिलते। पृथ्वी और चांद के बीच ऐसा कोई अंतर नहीं मिला।
तीसरे की भूमिका नहीं
शोधकर्ताओं में शामिल पाओलो सोस्सी का कहना है कि पृथ्वी और चांद शायद एक ही मूल पदार्थ से बने हैं। इसमें किसी काल्पनिक तीसरे पिंड की भूमिका नहीं है। हमारे सौरमंडल में दोनों बड़े गोलाकार पिंड (पृथ्वी और चांद) की अलग-अलग सतह हैं।
अकेला तैर रहा होता तो माना जाता ग्रह
पाओलो सोस्सी के मुताबिक बुध से चांद ज्यादा छोटा नहीं है। अगर वह सौरमंडल में अकेले तैर रहा होता तो अपने आप में ग्रह माना जा सकता था। चांद करीब 3,84,000 किलोमीटर दूर से पृथ्वी की परिक्रमा करता है।