उपद्रवियों को मिलेगी सज़ा
बांग्लादेश के स्थानीय मीडिया डेली स्टार के मुताबिक जनरल वकर-उज-जमान ने बताया कि उन्होंने बनने वाले नए प्रधानमंत्री यूनुस से बात की है। उन्हें यकीन है कि वो सभी को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ले जाने में सफल होंगे और इससे हमें लाभ होगा। वहीं सेना प्रमुख ने ये भी कहा कि पिछले कुछ दिनों में हुई हिंसा में शामिल लोगों को जरा भी नहीं बख्शा जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि शेख हसीना के सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद भंग कर दी थी। जिसके बाद शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत चली गईं। बता दें कि बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण में कोटा सिस्टम खिलाफ बीते एक महीने से जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहा था। जिसके चलते प्रदर्शनकारी शेख हसीना का इस्तीफा मांग रहे थे।
क्यों हो रही ये हिंसा?
दरअसल ये छात्र 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी के लिए लड़े गए संग्राम में लड़ने वाले नायकों के परिवार के सदस्यों के लिए सरकारी नौकरी का कोटा खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इस कोटा में महिलाओं, दिव्यांगों और जातीय अल्पसंख्यक समूहों के लिए सरकारी नौकरियां भी आरक्षित है। साथ ही बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के परिवार के सदस्यों को भी नौकरी दी जाती है। साल 2018 में इस सिस्टम को निलंबित कर दिया गया था जिससे उस समय इसी तरह के विरोध प्रदर्शन रुक गए थे। लेकिन पिछले महीने बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने एक फैसला दिया था जिसके मुताबिक 1971 के दिग्गजों के आश्रितों के लिए 30% कोटा बहाल करना था। प्रदर्शनकारी छात्र इस कोटा के तहत महिलाओं, दिव्यांगों और जातीय अल्पसंख्यकों के लिए 6% कोटा का तो समर्थन कर रहे हैं लेकिन वो ये नहीं चाहते कि इसका लाभ 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दिग्गजों के परिवार के सदस्यों को मिले। इसलिए इस फैसले का विरोध शुरू हो गया जो अब भीषण हिंसा में बदल चुका है।