इन देशों में जा रहे सांप
लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक वैज्ञानिकों ने सांपों की प्रजातियों के भौगोलिक वितरण का मॉडल तैयार कर यह जानने की कोशिश की कि 2070 तक जहरीले सांपों की प्रजातियां अनुकूल जलवायु परिवेश की खोज में किन क्षेत्रों की तरफ पलायन कर सकती हैं। शोध में बताया गया कि नामीबिया, चीन और म्यांमार के आसपास के देशों से पलायन करने वाले जहरीले सांपों की प्रजातियां भारत, युगांडा, केन्या, बांग्लादेश और थाईलैंड पहुंच सकती हैं। इससे इन देशों में स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि वहां एंटीवेनम आसानी से उपलब्ध नहीं होंगे।
इन देशों में घटेंगे
शोध में जहरीले सांपों की 209 प्रजातियों का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि 2070 तक दक्षिण अमरीका और दक्षिणी अफ्रीका में जहरीले सांपो की प्रजातियों में सबसे ज्यादा गिरावट आने का अंदेशा है। इससे वहां की जैव विविधता पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। जिन देशों में कृषि और पशुधन पर निर्भरता ज्यादा है, वहां जहरीले सांपों की प्रजातियां बढ़ेंगी।
सर्प दंश से हर साल 1.38 लाख मौतें
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में हर साल सर्प दंश के करीब 54 लाख मामले सामने आते हैं। इनमें से 27 लाख मामलों में चिकित्सा की जरूरत पड़ती है। स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण 1.38 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसके अलावा चार लाख लोग अंग-भंग और स्थायी तौर पर दिव्यांगता का शिकार होते हैं।