दरअसल ये आविष्कार जापान के वैज्ञानिकों ने किया है। उन्होंने एक ऐसा मास्क बनाया है जो कोविड टेस्ट भी कर पाएगा और अगर मास्क पहनने वाले को कोविड हुआ तो मास्क पर एक लाइट चमकेगी, जिससे बीमारी को कन्फर्म किया जा सकेगा।
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महाराष्ट्र में Omicron के दो नए मामलों के साथ गुजरात में भी मिला चौथा मरीज, जानिए देश में कुल कितनी हुई संक्रमितों की संख्या इस तकनीक पर आधारित है मास्कवैज्ञानिकों के जिस मास्क को कोविड के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है उसे ऑस्ट्रिच एंटीबॉडीज का इस्तेमाल करके बनाया गया है। मास्क पर ऑस्ट्रिच एंटीबॉडीज फिल्टर की एक परत चढ़ी हुई है, जो कोरोना वायरस को टारगेट करती है। ऑस्ट्रिच सेल्स में ऐसी एंटीबॉडीज होती हैं जो कोरोना वायरस को एक साथ लेकर आती हैं।
ये मास्क उस रिसर्च पर आधारित हैं, जिसमें यह पाया गया था कि पक्षियों में एक मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। शुतुरमुर्ग के अंडों का इस्तेमाल
मास्क क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष और डाक्टर ऑफ वेटरिनरी मेडिसिन यासुहिरो त्सुकामोटो के नेतृत्व में इस खास मास्क को तैयार किया गया है। टीम के मुताबिक इसमें शुतुरमुर्ग के अंडों का इस्तेमाल किया गया है। वैज्ञानिकों की मानें तो हम कम लागत पर शुतुरमुर्ग से बड़े पैमाने पर एंटीबॉडी का उत्पादन कर सकते हैं।
ऐसे करेगा काम
इस मास्क को पहनने भर से इंसान का कोविड टेस्ट हो जाएगा। इस मास्क को पहनकर जब लोग सांस छोड़ेंगे तो अगर उसमें कोविड वायरस हुआ, तो मास्क पर एक चमकीली लाइट दिखाई देगी, जिससे ये कन्फर्म किया जा सकेगा कि इंसान को कोविड है।
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Omicron के बढ़ते खतरे के बीच दिल्ली में कब लगेगा लॉकडाउन? सीएम केजरीवाल ने दी जानकारी जब मास्क पहनने वाला व्यक्ति इसे उतारता है, तो इसपर ऑस्ट्रिच सेल्स की एंटीबॉडीज को स्प्रे किया जाता है और फिर इसे यूवी रेज के सामने रखा जाता है। अगर मास्क के सर्फेस पर कोरोना वायरस होगा, तो मास्क पर एक लाइट चमकती दिखाई देगी। आप चाहें तो यूवी रेज की जगह अपने स्मार्टफोन की एलईडी लाइट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस मास्क को लेकर इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि इनसे कोरोना की किफायती होम टेस्टिंग को बढ़ावा मिलेगा।