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कम सैलरी और सोशल मीडिया बना रहा है वर्कर्स को मानसिक रूप से बीमार

Causes Of Workers’ Mental Illness: वर्कर्स को मानसिक रूप से बीमार बनाने के पीछे दो बड़े फैक्टर्स सामने आए हैं। आइए इन पर नज़र डालते हैं।

नई दिल्लीDec 18, 2024 / 09:55 am

Tanay Mishra

Stressed worker

Stressed worker

हाल ही में कुछ सर्वेक्षणों में एक चौंका देने वाली बात सामने आई है। वर्क प्लेसेज़ अब मानसिक बीमारी (Mental Illness) की चपेट में आ रहे हैं। यह महामारी कितनी व्यापक है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार वर्कर्स के स्ट्रेस के कारण हर साल काम के काफी घंटे बर्बाद हो जाते हैं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रतिवर्ष 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है।

किस सेक्टर के वर्कर्स हैं सबसे ज़्यादा प्रभावित?

ताज़ा रिसर्च के अनुसार फाइनेंस सेक्टर के वर्कर्स इस परेशानी से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। भारत समेत 10 देशों में की गई रिसर्च के अनुसार कि दुनिया में 78% वर्कर्स अपनी जॉब में खुद को आगे बढ़ते और बेहतर होता हुआ नहीं देखते। हालांकि भारत के लिए राहत की बात यह है कि वर्कर्स की समग्र सेहत को बेहतर बनाने वाले फैक्टर्स पर भारत का प्रदर्शन सबसे बेहतर आंका गया है।

मानसिक बीमारी के दो सबसे बड़े कारण

आज के समय पर अगर गौर किया जाए, तो रिसर्च के अनुसार वर्कर्स में मानसिक बीमारी के दो सबसे बड़े कारण सामने आए हैं। ये हैं कम सैलरी (Low Salary) और सोशल मीडिया (Social Media)। इन दोनों कारणों से वर्कर्स में मानसिक बीमारी बढ़ रही है। इसका असर न सिर्फ उनकी प्रोफेशनल लाइफ पर पड़ता है, बल्कि पर्सनल लाइफ पर भी पड़ता है।

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