अबकी बार मोदी तीसरी बार
पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार इन चुनावों को भारत के इतिहास में ”निर्णायक” माना जा रहा है. यदि राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीतते हैं, तो वह देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद तीसरी बार सत्ता बरकरार रखने वाले दूसरे भारतीय नेता बन जाएंगे।
विकसित देश में बदलने का वादा
डॉन के मुताबिक , भारत के प्रमुख टेलीविजन समाचार चैनलों के एग्जिट पोल में भविष्यवाणी की गई है कि मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के व्यापक विपक्षी गठबंधन पर जीत हासिल करेंगे अधिकतर एग्जिट पोल के अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगी दल 543 में से 350 से अधिक सीटें जीत सकते हैं, जो अगली सरकार बनाने के लिए आवश्यक 272 सीटों से कहीं अधिक है। इसने स्थिति में सुधार करने और 2047 तक भारत को एक विकसित देश में बदलने का वादा किया है।
मोदी की लोकप्रियता और भारत के अल्पसंख्यक
डॉन के अनुसार हाल के सप्ताहों में भारतीय समाज में विभाजन बढ़ गया है, क्योंकि नरेंद्र मोदी ने अपने भड़काऊ अभियान भाषणों के दौरान देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों को बार-बार निशाना बनाया है। भारत की 1.4 अरब आबादी में से 14% मुस्लिम हैं।
मोदी ने काफी लोकप्रियता हासिल की
अखबार ने लिखा है कि सन 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी ने काफी लोकप्रियता हासिल की है और उनके समर्थक उन्हें एक स्व-निर्मित और मजबूत नेता के रूप में देखते हैं, जिन्होंने दुनिया में भारत की स्थिति में सुधार किया है। इस राष्ट्रवादी नेता के समर्थकों के अनुसार, नरेंद्र मोदी की व्यापार-समर्थक नीतियों ने भारत को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है। लेकिन साथ ही, मोदी के शासन में अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों के खिलाफ हमले और नफरत भरे भाषण बढ़े हैं। उनके आलोचकों का कहना है कि भारत का लोकतंत्र कमजोर हो रहा है क्योंकि नरेंद्र मोदी धर्म और राज्य के बीच की रेखा को तेजी से धुंधला कर रहे हैं।
विपक्षी गठबंधन की उम्मीदें
डॉन के मुताबिक चुनाव अभियान की शुरुआत में मोदी की पार्टी को विपक्षी गठबंधन और उसके केंद्रीय नेता कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। उन्होंने मोदी की हिंदू राष्ट्रवाद पर आधारित राजनीति की आलोचना की. विपक्षी गठबंधन को उम्मीद है कि वह देश में आर्थिक उथल-पुथल का फायदा उठाकर अधिक सीटें जीतेगा।
एक छोटे वर्ग को ही लाभ
डॉन के अनुसार चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मतदाता बेरोजगारी, बढ़ती खाद्य कीमतों और समग्र भावना से चिंतित हैं कि मोदी के नेतृत्व में तेजी से आर्थिक विकास के बावजूद, भारतीयों के केवल एक छोटे वर्ग को ही लाभ हुआ है।