Papua New Guinea Landslide की तरह राजस्थान के इन शहरों में भी धंसी थी जमीन,यहां भी मंडरा रहा खतरा, हो जाएं सावधान !
Landslide in Rajasthan: पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार 24 मई को अलसुबह 3 बजे एंगा (Enga) प्रांत के काओकलाम (Kaokalam) गांव में अचानक से लैंडस्लाइडिंग (Papua New Guinea Landslide) होने के कारण आई तबाही के बाद भारत को भी सतर्क होना होगा। क्यों कि जलवायु असंतुलन और प्राकृतिक संसाधनों के अधिक दोहन के कारण यह […]
Landslide in Rajasthan: पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार 24 मई को अलसुबह 3 बजे एंगा (Enga) प्रांत के काओकलाम (Kaokalam) गांव में अचानक से लैंडस्लाइडिंग (Papua New Guinea Landslide) होने के कारण आई तबाही के बाद भारत को भी सतर्क होना होगा। क्यों कि जलवायु असंतुलन और प्राकृतिक संसाधनों के अधिक दोहन के कारण यह तबाही आई है। भारत के राजस्थान प्रदेश के जयपुर, बीकानेर व साहजहापुर में जमीन धंस गई थी। वहीं सन 2021 में भीलवाडा ( Bhilwara) की माइंस में लैंडस्लाइडिंग हो चुकी है। जहां बीकानेर ( Bikaner) में लूणकरण क्षेत्र में डेढ बीघा जमीन धंस गई थी तो जयपुर ( Jaipur )में गोपालपुरा बाईपास पर सड़क धंस गई थी ।
भारत में लैंडस्लाइड की आशंका वाले स्थान चिहिृत कर एहतियाती कदम उठाने चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है, जनता को भी समझना होगा कि अधिक भूजल और दलबदली इलाकों के लोगों को जनता को समझना होगा कि जमीन पर उतना ही बोझ, रहे जितना वह सहन कर सके। देखें बीकानेर का वह नजारा याद करें:
बीकानेर में करीब डेढ़ बीघा जमीन धंसी
राजस्थान के बीकानेर जिले के लूणकरण क्षेत्र में करीब डेढ बीघा जमीन रहस्यमयी तरीके से 100 फीट नीचे धंस गई। यह घटना कैसे हुई, इस बात की जानकारी फिलहाल भूगर्भ वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए हैं। राजस्थान सहित देश के कई राज्यों के लोग इस रहस्यमयी घटना को देखने के लिए लूणकरणसर पहुंच
जयपुर में धंसी थी 20 फीट सड़क
जयपुर में 20 फीट सड़क धंसने की घटना गुरुवार 25 अप्रैल की शाम की है। अचानक हुए इस हादसे ने सबको हैरान कर दिया क्योंकि 25 अप्रैल की शाम को जयपुर में बारिश भी नहीं हुई। अचानक सड़क टूटी और 20 फीट गहरी जमीन में धंस गई। सूचना मिलने पर जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर पहुंचे। जेसीबी से मलबा हटाकर सड़क दुरुस्त करने का कार्य प्रारम्भ किया लेकिन सड़क और धंसती गई।
भीलवाड़ा में 2021 में हुआ था भूस्खलन
राजस्थान के भीलवाड़ा (Bhilwara) जिले के बदनोर क्षेत्र में भूस्खलन (Landslide) के चलते जुलाई 2021 में लाखों टन मलबा (Debris) एक साथ खदान में गिर गया. भूस्खलन से देखते ही देखते खदान पूरी तरह खत्म हो गया. खदान के अंदर पड़ी मशीनें और अन्य वाहन मलबे में दब गए थे।
पापुआ न्यू गिनी में दो सबसे बड़ी नदियाँ
विशेषज्ञों के अनुसार अगर हम पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) में लैंडस्लाइड हादसे को समझें तो समझ में आएगा कि वहां फ्लाई और सेपिक न्यू गिनी द्वीप में बहने वाली दो सबसे बड़ी नदियाँ हैं और निर्वहन और तलछट उत्पादन में दुनिया की बड़ी नदियों में से एक हैं। ऊपरी फ्लाई नदी और उसके डेल्टा के तलछट का अनुपात कम 187Os/188Os 0.511–0.560 है, और ऊपरी और निचले सेपिक नदी के तलछट का अनुपात इससे भी कम 0.294–0.418 है। फ्लाई और सेपिक नदियों के फ़िल्टर किए गए पानी (<0.45 μm) में क्रमशः 0.616 और 0.335 के 187Os/188Os हैं। पापुआ की खाड़ी (0.394-0.961 के 187Os/188Os) से सतही तलछट की ऑस्मियम समस्थानिक रचनाएँ यह प्रदर्शित करती हैं कि वर्तमान में न्यू गिनी से महासागरों को आपूर्ति की जाने वाली तलछट अनरेडियोजेनिक है। इन नदियों द्वारा आपूर्ति किए गए कण और घुले हुए भार पुराने महाद्वीपीय क्रस्ट (187Os/188Os>1.2) के जल निकासी क्षेत्रों द्वारा महासागरों में योगदान की तुलना में काफी कम रेडियोजेनिक हैं। वहां जनता ने धरती का बोझ नहीं समझा। भारतीय नागरिकों को भी समझना होगा।