क्या है ITC कॉरिडोर?
दरअसल INSTC नाम का ये मल्टी मॉडल कॉरिडोर बेलारूस, रूस, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान से होते हुए पाकिस्तान तक पहुंचेगा। इससे रूस को आगे चलकर पाकिस्तान के रास्ते सीधे हिंद महासागर के बंदरगाहों से जुड़ने में मदद मिलेगी। पाकिस्तान इस मल्टीमॉडल कॉरिडोर से जुड़ गया है। उज्बेकिस्तान के ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने इस संबंध में हुए एक एमओयू की जानकारी दी है। इस तरह से पाकिस्तान उस इंटरनेशन नार्थ साउथ ट्रांसपोर्ट गलियारे (INSTC) से भी जुड़ जाएगा जो रूस को भारत से जोड़ने जा रहा है।
भारत शामिल है इस कॉरिडोर में
INSTC कुल 7200 किमी लंबा मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क होगा जो भारत को ईरान के रास्ते रूस से रेल, सड़क और जलमार्ग से जोड़ेगा। यह आर्मेनिया और कैस्पियन सागर से होकर जाएगा। वहीं, पाकिस्तान को जोड़ने वाला कॉरिडोर रूस से होते हुए कैस्पियन सागर से कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान और फिर अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान तक पहुंचेगा। भारतीय कॉरिडोर के ऐलान के बाद अब पाकिस्तान ने भी इस कॉरिडोर से जुड़ने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने खुद इसका पाकिस्तान को प्रस्ताव दिया था। ईरान ने भी उसे ग्वादर बंदरगाह को चाबहार को जोड़ने का प्रस्ताव दिया है।
भारत और अमरीका में चिंता
पाकिस्तान जहां अगर रूस से जुड़कर भारत की टेंशन बढ़ा सकता है, वहीं उस पर अमेरिका भड़क सकता है जो मास्को से दोस्ती के खिलाफ है। पाकिस्तान इससे जुड़कर अपना क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ा सकता है।