कौन समर्थन में कौन विरोध में? फ्रांस और बेल्जियम ने इजरायल और हमास के नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट अनुरोध का समर्थन (Benjamin Netanyahu Arrest Warrant) किया है। वहीं, जर्मनी, ब्रिटेन समेत अन्य नेताओं ने खुलकर इस वारंट का विरोध किया है। उधर अमरीका में इस मामले पर सियासत तेज हो गई है। अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) और राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन दावेदार डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) दोनों इस मुद्दे पर इजरायल के PM बेंजामिन नेतन्याहू के साथ खड़े हो गए हैं। हमास और इजरायली नेताओं को एक साथ रखने पर अमरीका भड़क गया है। वहीं इस मुद्दे पर इजरायल और हमास के नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
नेतन्याहू के खिलाफ वारंट अपमानजनक- बाइडन अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के मामले को अपमानजनक बताया और जोर देकर कहा कि इजरायल और हमास के बीच कोई समानता नहीं है। इजराइल अपने नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है। साथ ही बाइडन ने कहा कि गाजा में जो हो रहा है वह नरसंहार नहीं है। आम नागरिकों को बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। वहीं, अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी गिरफ्तारी वारंट के अनुरोध को सिरे से खारिज कर दिया। ब्लिंकन ने कहा कि नेतन्याहू को गिरफ्तार करने के लिए आइसीसी के पास कोई अधिकार नहीं है। अगर गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ तो ये युद्धविराम समझौते तक पहुंचने में बड़ा रोड़ा साबित होगा।
ट्रंप टीम ने की नेतन्याहू से मुलाकात उधर ट्रंप टीम की ओर से पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने भी अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की। ओ’ब्रायन ने कहा, नेतन्याहू के साथ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में अरेस्ट वारंट के अनुरोध पर चर्चा हुई। ओ’ब्रायन ने भी आइसीसी के कदम को अपमानजनक बताया। उन्होंने इजरायल को सैन्य सहायता की खेप रोकने के बाइडन प्रशासन के फैसले की भी आलोचना करते हुए इसे विश्वासघात बताया।
हमास नेताओं पर आरोप निर्दोषों की हत्याएं, बंधक बनाना और उनके साथ क्रूर व्यवहार, बलात्कार और यौन हिंसा, टॉर्चर जैसे मानवता के खिलाफ और युद्ध अपराध। इजरायली नेताओं पर आरोप आम नागरिकों की भुखमरी, अमानवीय उत्पीड़न, इरादतन आम नागरिकों की हत्याएं, तबाही आदि जैसे मानवता के खिलाफ और युद्ध अपराध।