7 अक्टूबर को नहीं भूलेगा इजरायल
बीते 7 अक्टूबर 2023 (October 7 Hamas attack) का वो दिन इजरायल के इतिहास के पन्नों में आतंकी संगठन हमास ने काले अक्षरों में लिख दिया था, जब हमास के आतंकियों ने इजरायली सीमा पार कर जमकर खून-खराबा मचाया था, धारदार हथियारों और आधुनिक बंदूकों से लैस इन आतंकियों ने हर घर में जाकर वहां के लोगों को बेदर्दी से मार डाला था। राह चलते उन्हें जो भी दिखता चाहे वो बच्चा हो, बूढ़ा हो या कोई महिला, वो किसी को नहीं छोड़ते, बड़ी बेरहमी से वो उसका कत्ल कर देते। 7 अक्टूबर को हमास के मचाए इस आतंक में 1200 से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, सिर्फ इतना ही नहीं हमासे के आतंकियों ने 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था और उन्हें अपने साथ गाज़ा ले गए, इजरायली सेना के मुताबिक कुछ बंधकों को हमास ने वापस इजरायली सेना को सौंप दिया, इजरायली सेना के मुताबिक 97 बंधक हमास के पास है। इनमें 33 की मौत हो चुकी है। हमास के कब्जे में दो बच्चों समेत 64 बंधक अभी भी जीवित हैं।
ट्रिपल-H से एक साल से लड़ रहा है जंग
7 अक्टूबर के बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ गाज़ा में जंग छेड़ दी। जो अभी भी जारी है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कसम खाई है कि जब तक हमास के एक-एक आतंकी को जड़ से नहीं मिटा देंगे, तब तक ये हमले होते रहेंगे, ये जंग जारी रहेगी। हमास के खिलाफ युद्ध से तमतमाए आतंकी संगठन और ईरान के प्रॉक्सी हिजबुल्लाह और यमन के हूती विद्रोहियों ने भी इजरायल को रोकने के लिए उस पर हमले करना शुरू कर दिए। हूती विद्रोहियों ने तो लाल सागर से आने जाने वाले जहाजों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद इजरायल ने हमास के साथ ही हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों से जंग छेड़ दी। यानी ट्रिपल-H (हमास, हिजबुल्लाह और हूती विद्रोही) से इजरायल बीते एक साल से जंग लड़ रहा है। हिजबुल्लाह के तो चीफ को ही इजरायल ने मार गिराया। इजरायली सेना के मुताबिक अभी तक हिजबुल्लाह के 500 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं जिसमें कई सीनियर लीडर और कमांडर शामिल हैं। वहीं हूती विद्रोहियों पर लाल सागर में ही इजरायल ने हफ्ते भर पहले आखिरी एयर स्ट्राइक की थी। इस तरह से इजरायल तीन मोर्चों पर जंग लड़ रहा है और जीतता नजर आ रहा है।
आखिर कितना ताकतवर है इजरायल
गाज़ा में इजरायल के युद्ध को लेकर पूरी दुनिया में उसकी आलोचना हो रही है। यहां तक कि अमेरिका ने भी इजरायल को सहायता देना बंद कर दिया था लेकिन ईरान ने जब इजरायल पर मिसाइलें दागीं तो अमेरिका ने खुले तौर पर इजरायल को समर्थन देने का ऐलान कर दिया और इजरायल में हथियारों के साथ अपनी सेना भी भेज दीं। हाल ही में आई ग्लोबल फायरपॉवर इंडेक्स ने इजरायल को दुनिया के 145 देशों में 17वें स्थान पर रखा है। यानी इजरायल मिलिट्री पॉवर में पूरी दुनिया में 17वां सबसे ताकतवर देश है। इजरायल के पास 6,70,000 कुल सैनिक हैं। इनमें से 1,70,000 सक्रिय हैं। बाकि 4,65,000 रिजर्व सैनिक हैं। इजरायल के पास 35 हजार पैलामिलिट्री सैनिक हैं। इसके अलावा 89,000 एयरफोर्स सैनिक हैं। 5,26,000 थल सैनिक हैं। वहीं 19,500 नेवी के जवान हैं। अब तो अमेरिका ने भी इजरायल का समर्थन कर दिया है, इजरायल में अपनी सेनाएं भेज दी हैं, ऐसे में अब तो इजरायल की ताकत, पहले से चौगुनी हो गई है।
खुफिया एजेंसी हैं इजरायल की सबसे बड़ी ताकत!
इजरायल ने अपने दुश्मनों का सफाया करने के लिए जितना हथियारों को इस्तेमाल किया है उससे कहीं ज्यादा अपने खतरनाक ‘दिमाग’ खुफिया एजेंसियों का सहारा लिया है। लेबनान में पेजर अटैक और वॉकी-टॉकी अटैक से दुनिया में एक बार फिर इजरायल की खुफिया एजेंसियों का नाम सुर्खियों में आ गया था। कई रिपोर्ट्स में दावा किया था ये अटैक इजरायल की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ ने कराए है। इन हमलों की प्लानिंग इस तरह से मोसाद ने की, बड़े से बड़े तकनीशियन भी इस प्लानिंग को सुनकर दातों तले उंगली दबा रहे हैं।
शिन बेट और अमान सबसे खतरनाक
आपको जानकर हैरानी होगी कि मोसाद को इजरायल की खुफिया एजेंसी का एक चेहरा भर है, लेकिन इस देश की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी शिन बेट है। इसे आम तौर पर इजरायल की आंतरिक सुरक्षा सेवा के तौर पर जाना जाता है। शिन बेट, मोसाद के साथ मिलकर इजरायल के दुश्मनों के छक्के छुडा़ने के लिए प्लानिंग कर साथ में काम करती है। शिन बेट ने इजरायल में कई आतंकी हमलों को रोकने का काम किया है, यही नहीं दुश्मन देश के बारे में ऐसी कई जानकारी इसने इजरायल को दी है, जिससे इजरायल को बड़ा फायदा मिला है। मोसाद, शिन बेट के अलावा इजरायल की खुफिया एजेंसी अमान भी इसकी सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है। अमान इज़राइल की सैन्य खुफिया शाखा है, जो अहम तौर पर सेना के लिए खुफिया जानकारी जुटाती और उनका विश्लेषण करती है। इसका अहम काम ही इजरायल की रक्षा के लिए सामरिक और युद्ध संबंधित खुफिया जानकारी जुटाना है। इसलिए ही इजरायल की सेना IDF अपने सैन्य अभियानों को इतना सफल तरीके से संचालित कर पाती है। उदाहरण के तौर पर हमास और हिजबुल्लाह के ठिकानों का पता कर वहां पर एयर स्ट्राइक करना अमान के सहय़ोग से ही हुआ है।