रूस
रूस और पश्चिमी देशों खासतौर पर NATO के बीच तनाव को देखते हुए ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी गंभीर है। क्योंकि यूक्रेन पर हमला, अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के तमाम तरह के प्रतिबंध, NATO विस्तार को लेकर रूस की असहमति तीसरे विश्व युद्ध की अटकलों को और बढ़ा देती हैं। इतना ही नहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कई बार परमाणु हमले तक की धमकी कई बार दी है। जिसने दुनिया कि चिंताओं को बढ़ाया हुआ है।
चीन
चीन का नाम विश्व युद्ध शुरू कराने वाले देशों की लिस्ट में देखकर आपको थोड़ी तो हैरानी हुई होगी लेकिन इसका दावा कई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया भी कर रही हैं। इसका सबसे कारण है ताइवान पर चीन का दावा और दक्षिण चीन सागर में उसका विस्तार। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर चीन ताइवान पर अटैक करता है, तो अमेरिका और उसके सहयोगी देश जैसे जापान और ऑस्ट्रेलिया इसके विरोध में आ सकते हैं। जिससे एक बड़ी जंग की संभावना बन जाती है। इसमें भारत-चीन सीमा मुद्दा और हांगकांग में लोकतांत्रिक आंदोलन भी आग में घी का काम कर सकता है।
उत्तर कोरिया
किम जोंग उन शासत उत्तर कोरिया लगातार परमाणु हथियारों को विकास पर काम कर रहा है। आए दिन वो इन हथियारों का परीक्षण करता रहता है। साउथ कोरिया से इसकी पुरानी दुश्मनी है। कचरे के गुब्बारे भेजना और रह-रह कर अटैक की धमकी देना साउथ कोरिया के साथ अमेरिका और जापान के साथ तनाव को भी दर्शा रहा है। उत्तर कोरिया की अजब-गजब नीतियां और उकसाने वाले कदम वैश्विक स्थिरता को चुनौती देते हैं।
अमेरिका
अमेरिका को इस जंग को रोकने वाले देशों में गिना जा रहा है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स दावा कर रही हैं कि तीसरे विश्व युद्ध की शुरूआत ही अमेरिका की वजह से हो सकती है। अमेरिका की वैश्विक सैन्य मौजूदगी और उसकी अमेरिका फर्स्ट बनने की नीति ही इसका सबसे बड़ा कारण है। अमेरिका कई देशों जैसे ईरान, रूस और चीन के साथ टकराव में है। ऐसे में अगर कोई बड़ा संघर्ष होता है तो अमेरिका की इसमें सबसे बड़ी भूमिका होगी।
ईरान
इजरायल के साथ संघर्ष में घिरा ईरान इस तीसरे विश्व युद्ध की सबसे बड़ी वजह बन सकता है। इसका कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम और इजराइल के साथ इसकी दुश्मनी होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर ईरान परमाणु हथियार विकसित कर लेता है और उसे अमल में लाता है, तो इजराइल या अमेरिका उस पर सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं। ऐसे में ये तनाव एक भीषण युद्ध का रूप ले सकता है। दूसरी तरफ ईरान और सऊदी अरब के बीच क्षेत्रीय शक्ति संघर्ष भी इस तनाव को बढ़ा सकता है। हालांकि ईरान अब सऊदी अरब से मित्रता बढ़ा रहा है। ईरान और सऊदी के कई शीर्ष नेता एक-दूसरे देश की यात्रा कर चुके हैं और क्षेत्रीय शांति के लिए एक-दूसरे का साथ देने की भी बात कह चुके हैं।
भारत और पाकिस्तान
तीसरा विश्व युद्ध भारत और पाकिस्तान की वजह से हो ऐसा होता कम ही दिखता है। हालांकि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए विदेशी मीडिया दावा कर रही हैं कि कश्मीर और सीमा विवाद को लेकर ये तनाव जंग का रूप ले सकती है। दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं। अगर कोई बड़ा सैन्य संघर्ष होता है, तो ये क्षेत्रीय नहीं, बल्कि एक वैश्विक संकट में बदल सकता है।
तुर्की
तुर्की के पड़ोसी देशों सीरिया ग्रीस और कुर्द मुद्दे को लेकर तनाव इन दिनों चरम पर है। सीरिया में विद्रोही गुट जमकर आतंक मचा रहे हैं उन्होंने सीरिया के सबसे बड़े शहर अलेप्पो समेत कई इलाकों को अपने कब्जे में ले लिया है। ऐसे में तुर्की की आक्रामक विदेश नीति और NATO सदस्यता इसे एक जटिल हालात में रखती है।
क्या तीसरा विश्व युद्ध संभव है?
तीसरे विश्व युद्ध की संभावना अब तेज हो चली है ये युद्ध शुरु होगा कि नहीं इसे लेकर विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। हालांकि देश इस तरह के युद्ध से बचने की कोशिश करेंगे। परमाणु हथियारों के कारण यह युद्ध विनाशकारी हो सकता है। वैश्विक कूटनीति, सहयोग, और बातचीत के माध्यम से इन तनावों को कम करने के कोशिशें लगातार जारी हैं।