फ़िलिस्तीन की सदस्यता का सवाल
यह संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीन की सदस्यता का सवाल है। भारत संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता का समर्थक है। जबकि अमरीका इसके विरोध में है। संयुक्त राष्ट्र में फ़िलिस्तीन की सदस्यता को 18 अप्रेल को सुरक्षा परिषद में अमरीका ने वीटो कर दिया था।
सदस्यता मानदंड पूरे करता
यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि फिलिस्तीन संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 4 के अनुसार सदस्यता मानदंड पूरे करता है और इसलिए उसे सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। यह सुरक्षा परिषद को ढांचे के भीतर इस मुद्दे पर “सकारात्मक” तरीके से पुनर्विचार करने की सलाह देता है।
सुरक्षा परिषद से आवश्यक समर्थन नहीं मिला
उल्लेखनीय है कि फ़िलिस्तीन ने 2011 में संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण सदस्यता के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसे सुरक्षा परिषद से आवश्यक समर्थन नहीं मिला। वहीं सन 2012 में फ़िलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र में “स्थायी पर्यवेक्षक का दर्जा” प्राप्त हुआ।
अनुरोध पर विचार करने का आग्रह
संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के स्थायी प्रतिनिधि, रियाद मंसूर ने 2 अप्रेल को गुटेरेस को एक पत्र भेजा था, जिसमें फिलिस्तीन के सदस्यता आवेदन की समीक्षा करने का अनुरोध किया गया था। वहीं गुटेरेस ने 3 अप्रेल को सुरक्षा परिषद को लिखा और फिलिस्तीन के अनुरोध पर विचार करने का आग्रह किया था।
भारत समर्थक, अमरीका विरोधी
उल्लेखनीय है कि भारत फ़िलिस्तीन की संयुक्त राष्ट्र सदस्यता की दावेदारी का समर्थन करता है, जिसे अमरीका ने वीटो कर दिया है। भारत के समर्थन से फ़िलिस्तीन को सदस्यता का समर्थन मिलने की उम्मीद है। भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करने का आग्रह करता है, आतंकवादी हमलों की निंदा करता है, और युद्धविराम और गाजा ( Gaza) के लिए अधिक सहायता का आह्वान करता है।