कहीं महिला बहुमत तो कहीं समता वाली संसद
पिछले साल संसदीय चुनाव कराने वाले 52 देशों में निर्वाचित या नियुक्त सांसदों में 27.6 प्रतिशत महिलाएं थीं। इन देशों में पूर्व में हुए चुनावों की तुलना में 1.4 फीसदी का सुधार देखा गया। क्यूबा ने महिला-बहुमत वाली संसद चुनी। जबकि संयुक्त अरब अमीरात में लगातार दूसरी बार समानता वाली संसद बनी। कुछ देशों में महिला अधिकारों (Women’s Right) के खिलाफ प्रतिक्रिया के बीच चुनावों में लैंगिक मुद्दे हावी रहे। जबकि कई प्रमुख महिलाओं ने परेशान होकर और धमकियों को जिम्मेदार ठहराते हुए राजनीति छोड़ने का फैसला किया।
प्रतिनिधित्व बढ़ाने में आरक्षण की भी भूमिका
चुनौतियों के बावजूद अमेरीका (America), महिलाओं के प्रतिनिधित्व में अग्रणी रहा है। यह क्षेत्र विश्व में महिलाओं के उच्चतम प्रतिनिधित्व (Women in Global politics) वाले भौगोलिक क्षेत्र के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखता है। रिपोर्ट में कहा गया कि कोटा सिस्टम ने महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका प्रभाव बेनिन, एस्वातिनी और सियरा लियोन जैसे देशों में देखा गया है।
महिला अध्यक्षों की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी
वैश्विक संसदों में पिछले एक साल के दौरान महिला अध्यक्षों की हिस्सेदारी बढ़कर 23.8 फीसदी (1.1 प्रतिशत अंक अधिक) हो गई। कंबोडिया और कोटे डी आइवर में पहली बार महिला स्पीकर चुनी गईं। भारतीय संसद में भी महिलाओं की संख्या में बढोतरी हुई है। देश ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की सभी सीटों में से एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित करने वाला एक कानून पारित किया है। इससे आधी आबादी के प्रतिनिधित्व में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।
विश्व 11.3 26.9
अमरीका 12.7 35.1
यूरोप 13.2 31.6
उप-सहारा अफ्रीका 9.8 27.3
प्रशांत क्षेत्र 6.3 22.5
एमइएनए 4.3 16.5
एशिया 13.2 21.4
स्रोत: वुमन इन पार्लियामेंट, 2023 ये भी पढ़ें- International Women’s day: पाकिस्तान की आधी आबादी का ‘औरत मार्च’, कट्टरपंथियों के ज़ुल्म की इंतहा से निकलने की लड़ाई