इन तीनों ही राष्ट्रपतियों से भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद नजदीकी संबंध रहे हैं। कई मौकों पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन तीनों को अपना पक्का दोस्त बताया है। बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान मोदी-ओबामा की मीटिंग में प्रधानमंत्री ने उन्हें माई फ्रेंड ओबामा कह कर संज्ञा दी थी।
कितने फायदेमंद डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ?
बात डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की करें तो रिपबल्किन पार्टी से डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद के मजबूत दावेदार हैं और ये प्राइमरी चुनावों में मिल रही ट्रंप की जीत से पता भी चल रहा है। डोनाल़्ड ट्रंप जब अमेरिका के राष्ट्रपति थे तब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की लोकप्रियता को उन्होंने अमेरिका के 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में खूब भुनाया था। तब टेक्सस के ह्यूस्टन के एक बड़े एनआरजी स्टेडियम में हाउडी मोदी कार्यक्रम से उन्होंने भारतीय अमेरिकियों के वोट को खींचने की कोशिश की थी। हालांकि हाउडी मोदी (Howdy Modi) के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ जैसा बड़ा आयोजन कराया था। इसे ट्रंप का भारत के प्रति या पीएम मोदी के प्रति झुकाव कह लें, वो अपना पूरा परिवार लेकर अहमदाबाद आए थे।
ट्रंप के दौरान भारत-अमेरिका के संबंध
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस सवाल पर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में अमेरिकी, कनाडाई और लैटिन अमेरिकी स्टडी सेंटर में प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहे चिंतामणी महापात्रा बताते हैं कि ट्रंप के कार्यकाल के दौरान सुरक्षा और रक्षा के मुद्दे पर अमेरिका और भारत दोनों देशों के बीच संबंध बहुत अच्छे रहे हैं। दोनों देशों के बीच भारत के मामले में सबसे ज्यादा चर्चा पाकिस्तान और चीन की होती है जिसमें अमेरिका हमेशा भारत का साथ देता आया था। अमेरिका का रुख भारत से मिलता था। पाकिस्तान को तो अमेरिका ने ट्रंप के कार्यकाल में आर्थिक मदद भी देना धीरे-धीरे बंद कर दी थी। इसे भारत के पक्ष में लेकर देखा गया था। वहीं चीन और लद्दाख मामले में भी ट्रंप ने भारत से खुद की मध्य्स्थता की पेशकश की थी हालांकि तब भारत ने इसके लिए मना कर दिया था लेकिन बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत का समर्थन किया था जिसका सीधा फायदा भारत को मिला था।
लेकिन अगर ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका के साथ भारत के व्यापार और अर्थव्यवस्था को देखें तो इस मामले में दोनों के व्यापारिक रिश्ते ठीक रहे लेकिन बेहतर स्थिति में नहीं पहुंच पाए। इसका सबसे बड़ा उदाहरण जून 2019 में अमेरिका की तरफ से भारत को शुल्क मुक्त आयात की सुविधा को बंद कर देना था। तब डोनाल्ड ट्रंप ही अमेरिका के राष्ट्रपति थे। तब ट्रंप के इस फैसले से भारत को आभूषणों, रत्नों, लेदर, चावल जैसी वस्तुओं पर बहुत नुकसान हुआ था। अगर ट्रंप दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत को व्यापारिक समझौतों में अमेरिका से थोड़ी मुश्किल हो सकती है।
बाइडेन के साथ कैसे हैं रिश्ते?
वहीं अब बात जो बाइडेन (Joe Biden) की करें तो अमेरिकी संसद में अपने आखिरी भाषण में उन्होंने भारत से रिश्तों को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘अमेरिका किसी भी अन्य देश की तुलना में चीन (China) का सामना करने के लिए अधिक ‘मजबूत स्थिति’ में है और इस मुद्दे पर भारत जैसे देशों का पूरी सहयोग करेगा और उनके साथ हुई साझेदारी को पुनर्जीवित करेगा।’ इसी से पता चल जाता है कि वर्तमान में भारत को जिससे सबसे बड़ी समस्या है वो चीन है और चीन का सामना करने के लिए अमेरिका जैसी महाशक्ति तैयार है और ये महाशक्ति भारत का साथ देने को भी तैयार है। ऐसे में भारत की इस सबसे बड़ी चुनौती में अमेरिका का साथ होना भारत के लिए फायदा ही देने वाला है।
बाइडेन के दौरान अमेरिका-भारत के रिश्ते?
बाइडेन के कार्यकाल में भारत के साथ सामरिक रिश्तों पर बात करें तो अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहली बार स्टेट विज़िट पर बुलाया था। भारत के लिए ये पहला मौका था कि देश का कोई प्रधानमंत्री पहली बार अमेरिका के स्टेट विज़िट पर गया था। यहां पर जो बाइडेन ने मोदी का अपना बेस्ट फ्रेंड बताया था। पीएम मोदी ने तब पहली बार यहां की संसद को संबोधित भी किया था।
क्या एंटी इंडिया हैं बाइडेन?
कुल मिलाकर जो बाइडेन अगर राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत को हर मोर्चे पर अमेरिका का साथ मिलना तय है। हालांकि चुनाव जीतने से पहले बाइडेन और कमला हैरिस को एंटी इंडियन के तौर पर दिखाया जा रहा था। जो बड़े स्तर पर तो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान देखने को नहीं मिला।
अब 4 नवंबर को होने वाले चुनाव में ट्रंप जीतते हैं या बाइडेन? ये तो चुनाव के नतीजों में ही पता चलेगा। लेकिन इतना तो जरूर है कि भारतीय अमेरिकियों का वोट पाने के लिए जो 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 15 लाख हैं, भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहारा ले सकते हैं।