यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री ने कहा, “भारत के पास रूस से सस्ता तेल खरीदने का अवसर इसलिए आया क्योंकि यूक्रेन के लोग रूस के हमलों का शिकार हो रहे हैं और हर दिन मर रहे हैं।” दरअसल, दिमित्री ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने रूस से कच्चे तेल के आयात का बचाव करते हुए कहा कि पिछले नौ महीने में यूरोपीय देशों ने इसकी जितनी खरीद की है, उसका छठा हिस्सा ही भारत ने खरीदा है।
दिमित्री ने कहा कि रूस से सस्ते तेल के आयात के भारत के फैसले को मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह ठीक नहीं है कि यूरोपियन यूनियन पर टिप्पणी करके अपना बचाव किया जाए और कहा जाए कि वे भी तो यही कर रहे हैं।” इसके अलावा उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि भारत और खासतौर पर पीएम नरेंद्र मोदी इस जंग को खत्म कराने में अहम योगदान दे सकते हैं।
दिमित्रो कुलेबा ने कहा, “श्विक परिदृश्य में भारत की अहम भूमिका है। खासतौर पर पीएम नरेंद्र मोदी की आवाज एक बदलाव ला सकती है। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब भारत यह कहेगा कि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया है।” फिलहाल वह यही कह रहा है कि यूक्रेन में जंग चल रही है। लेकिन भारत दोनों देशों के बीच युद्ध पर कोई भी एकतरफा टिप्पणी करने से बचता आया है। भारत लगातार दोनों देशों से शांति से मुद्दे को सुलझाने की अपील कर रहा है।
बता दें, भारत सस्ते दामों पर रूस से तेल खरीद रहा है और कई देश इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। अमेरिका और यूरोपीय देशों की आपत्ति के बाद भी भारत ने रूस से तेल की खरीद जारी रखी है। भारत का कहना है कि यह हमारे देशवासियों के हित में है क्योंकि हम कम दाम पर तेल खरीद रहे हैं। देशवासियों के हित के साथ-साथ देश को बड़े पैमाने पर भी आर्थिक लाभ मिल रहा है।